योजनाओं की समझ और निरंतर प्रयासों से मिली सफलता

लहर डेस्क -पटना -19 अगस्त
सीमित संसाधनों को योजना बद्ध तरीके से उपयोग कर सामुदायिक स्वास्थ्य को बेहतर किया जा सकता है। इसलिए सरकारी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन में आशा की भूमिका अहम हो जाती है। पटना के संपतचक प्रखंड के रामपुर गाँव की आशा मालो देवी की कहानी कुछ ऐसी ही है।
सीमित संसाधनों के बीच शत-प्रतिशत प्रसव पूर्व जाँच से लेकर टीकाकरण सुनिश्चित कराना आसान नहीं होता। लेकिन कार्य के प्रति गंभीरता एवं योजनाओं की तकनीकी समझ से मालो देवी ने इसे सच कर दिखाया है। वह प्रखण्ड में अव्वल दर्जा ही नहीं हासिल की बल्कि अन्य आशाओं के लिए रोलमॉडल भी बनकर उभरी हैं। आस-पास क्षेत्र की आशाएँ भी मालोदेवी से कार्यक्रमों की जानकारी लेती हैं। इस बदलाव के कारण उनकी पहचान पूरे प्रखंड में एक सशक्त आशा के रूप में बनी है।
योजनाओं की समझ को बनाया हथियार: सरकारी योजनाओं को सामुदायिक स्तर पर लागू करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी आशा कार्यकर्ता की होती है। इसके लिए योजना का उद्देश्य एवं इसके तकनीकी पक्ष को जानना जरूरी होता है। मालोदेवी ने बताया उनके भीतर योजनाओं को भली-भाँति समझने की एक ललक सी रही है। इसलिए आशाओं के क्षमता वर्धन के लिए आयोजित सभी प्रशिक्षण में वह शामिल होती हैं। हरेक योजनाओं की जानकारी लेती हैं। संशय की स्थिति में चिकित्सा अधिकारी से भी राय लेती हैं। इससे योजना के तकनीकी पक्ष को भी जानने का मौका मिलता है। यही वजह है कि उनके क्षेत्र में स्वास्थ्य संबंधी सभी सरकारी योजनाओं का बेहतर कार्यान्वयन हुआ है.
परामर्श पर दिया बल: राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के अनुसार पटना जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में मात्र 13.1 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं चार प्रसवपूर्व जाँच कराती हैं। प्रसव पूर्व जाँच से गर्भावस्था के दौरान संभावित जटिलताओं को जाना जा सकता है। जिससे मातृ मृत्यु दर में कमी लायी जा सकती है। इसलिए मालो देवी ने इस पर विशेष ध्यान दिया। घर-घर जाकर महिलाओं को जागरूक किया। उन्हें इसके फ़ायदों के बारे में जानकारी दी। साथ ही संस्थागत प्रसव एवं टीकाकारण के महत्व को भी समझाया। जिसका नतीजा रहा कि वह अपने क्षेत्र में गर्भवती महिलाओं की 4 प्रसव पूर्व जाँच एवं टीकाकरण में शत-प्रतिशत उपलब्धि हासिल कर सकीं।
अधिकारियों ने की तारीफ़ : प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र संपतचक के प्रभारी डा. लक्ष्मण प्रसाद ने बताया मालो देवी प्रखंड में बेहतर कार्य करने वाली आशा के रूप में जानी जाती है। यही कारण है कि उनके द्वारा दी गयी जानकारी एवं सुझाव को गंभीरता से लिया जाता है। उन्होंने बताया सम्पत चक प्रखंड मीजिल्स –रुबैला टीकाकरण में संपतचक स्वास्थ्य केंद्र 113 प्रतिशत उपलब्धि के साथ पूरे जिले में लक्ष्य प्राप्ति में सर्वप्रथम रहा था। जिसमें मालो देवी का योगदान प्रशंसनीय रहा था। उन्होंने अपने क्षेत्र के साथ आस-पास के क्षेत्रों में भी दूसरी आशाओं के साथ लोगों को जागरूक करने में मदद की। सरकार द्वारा चलाये जाने वाले विशेष अभियानों में भी उनकी पूर्ण सहभागिता रहती है।