जामिया रिसर्च समूह द्वारा कैंसर अनुसंधान के नए निष्कर्ष

लहर डेस्क
जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) के जन संपर्क अधिकारी के ऑफिस ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी किया है जिसमे कहा गया है कि ये जामिआ और देश के लिए गर्व की बात है कि विश्वविद्यालय के रिसर्च ग्रुप कैंसर के क्षेत्र में नए शोध निष्कर्षों पर पहुंचा है। ये शोध निष्कर्ष कैंसर के क्षेत्र में एक प्रसिद्ध इंटरनेशनल जर्नल ‘फ्रंटियर्स इन ऑन्कोलॉजी’ के वर्तमान अंक (मार्च 2021) में प्रकाशित हुए हैं।
कोलोरेक्टल कैंसर भारत में पाँचवाँ सबसे आम कैंसर है जो कि शुरुआती पहचान और उपचार की दृष्टि से गंभीर चिंता का कारण बना है। जैव प्रौद्योगिकी विभाग, जामिइ के प्रोफेसर मोहम्मद हुसैन के नेतृत्व में अनुसंधान समूह ने प्रदर्शित किया है कि कुछ कोलोरेक्टल कैंसर कोशिकाओं में छोटे माइटोकॉन्ड्रिया होते हैं, जो अधिक ग्लूकोज को लैक्टेट करने के लिए फर्मेंटिंग का लाभ देता है- वारबर्ग प्रभाव के रूप में जाना जाता है, अधिक आक्रामक और असाध्य कैंसर का एक विशिष्ट लक्षण है|
डॉ. हुसैन के अनुसार, इस खोज ने कैंसर में माइटोकॉन्ड्रियल फॉर्म-फंक्शन डायनेमिक्स की भूमिका को देखने के नए तरीके इजाद किये हैं, जिससे रोग का बेहतर इलाज करने के लिए नए चिकित्सीय लक्ष्यों को डिजाइन और विकसित किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि अगला कदम, कैंसर रोगियों में संबंधित लाभों के लिए इन निष्कर्षों की प्रासंगिकता पर ध्यान देना होगा। इससे कैंसर रोग के बढ़ते प्रसार पे भी रोक लगाने में मदद मिल सकती है। हालाँकि ये अभी समय ही बताएगा लेकिन निश्चित रूप से कैंसर के इलाज के लिए एक नई दिशा मिलेगी और इलाज को और बेहतर बनाया जा सकेगा।