आज दो हज़ार बीस में लोकतांत्रिक भारत…………..

लेखक – असमा

भारत एक महान लोकतंत्र है समस्त विश्व से भारत के घनिष्ठ संबंध हैं, विविधताएं इस राष्ट्र की विशेषताएं हैं… पोशाक और अवसाद के आधार पर यहां के मरुस्थल और मौसम मातृभूमि से प्रेम की परिभाषा को परिभाषित करते हैं… पल्लवित यहां की राजनीति, राजनीतिज्ञ और विचारकों के उदाहरण का आधार है.. … आज 26 जनवरी 2020 का दिन राष्ट्र के गौरव का दिन है…. व्यवस्था के पटल पर रेलगाड़ी दौड़ रही है…अनंत दूरी पर स्थित भारत के सुनिश्चित लक्ष्य की ओर….देश जो 1947 को स्वतंत्र हुआ था..यात्रा कर रही थी…उम्मीद है हमेशा की तरह विजय पताका झंडेते हुए…आगे भी जारी रहेगा….. 26 जनवरी 1950 का वो दिन जब संविधान को लागू किया गया था। जहां हम ही थे जो इस देश की व्यवस्था को इसी रूप-रेखा के आधार पर देश की प्रगति की संरचना गढ़ते हुए…. विभिन्न वीडियो के बावजूद मौजूदा समय में उपलब्ध संसाधनों के सहयोग से तकनीकी माध्यमों को प्रोद्योगिकी के पुट पर विकास के उद्देश्य से देश में उत्पादन को बढ़ावा दे रहे हैं। आज स्थिति यह है कि हर क्षेत्र तक भारत ने अपनी पकड़ बना ली है..

वर्तमान समय का भारत…..

सुदूर गगन में नीले आकाश में… क़लाबाज़ियां खाते हवा के समुंद्र में गोते लगाते भारतीय वायुसेना के वीर तय्यारों से सुसज्जित आधुनिकीकरण सुनिश्चित कर रहा है, जो शक्तियों को बढ़ावा देने के साथ समान और अधिकार देता है कि देश की सुरक्षा को बल प्रदान करने वाला आधुनिक तकनीक से लेस रक्षा के क्षेत्र में प्रयोग में आने वाला प्रत्येक तंत्र जिसे वायु सेना ने साकार सपने के रुप में हासिल किया है साकार और जिसकी परिकल्पना सेना ने सीधे तौर पर की थी… उसी तेजस की क्षमता को देखकर शत्रु का चेहरा सूख गया है। जब तेजस ने तकनीकी सहयोग से गति नियंत्रण कर अपने करतब को गति सहित नियंत्रण को सिद्ध किया तो दुश्मनों को चुनौती स्वयं सुनाई नहीं दिखाई देने लगे…आज का भारत विभिन्न आधुनिक संसाधनों से मैत्री भावपूर्ण संबंधों के आधार पर विदेशों को भी सहयोग कर रहा है….. रक्षा प्रणाली महत्व की पराकाष्ठा और उसकी सीमा से परे उस छोर पर है जहां सभी महाशक्तियां भारत को आधुनिक समय का अपना सानी समझती हैं….

देश आज अपने प्रतिद्वदियों को मुहतोड़ जवाब देने की स्थिति में है 2019 की सर्जिकल स्ट्राइक जब भारत ने बाला कोट हमले का जवाब सीधे तौर पर सीना ठोक कर दिया, नज़ारा सभी ने देखा…..कोने-कोने से एक स्वर फूटा ईंट का जवाब पत्थर से…. सेना ने जवाब दिया भी, पूर्ण रूप से सेना को सक्षम बनाने का काम भी एक मज़बूत निर्देश्य नीतिगत तौर पर बनाई गई संरचना के आधार पर किया गया। देश में समय-समय पर व्यवस्था को बनाए रखना यह भार, भी था सरकार के कंधों पर… आज देश जब 17वीं लोकसभा सजा चुका है अग्रणी देशों की कतार में प्रथम होने की कगार पर है नए-नए अवसर तलाशे जा रहे है युवा शक्ति को संगठित तौर पर एकजुट कर स्वावलंबन को बढ़ावा दिया जा रहा है….. विभिन्न प्रायोगिक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं….देश की युवा शक्ति की बड़ी समस्या बेरोज़गारी पर नियंत्रण करने के वैकल्पिक माध्यम ढ़ूंढ़े जा रहे हैं…. ऐसे में राष्ट्रीय चेतना का प्रवाह पूर्ण रूप से सेना को सक्षम बनाने का काम कर रहा है। एक कमजोर निर्देश नीतिगत रूप से बनाई गई संरचना लोकतंत्र में मूल्यों की सिद्धी देश में समय-समय पर व्यवस्था को बनाए रखना सरकार के दायित्व में गठित सूची में शामिल है। आज देश में जब 17वीं लोकसभा सजी हुई है तब प्रमुख देशों की कतार में प्रथम होने की होड़ सहित नए-नए अवसर तलाशे जा रहे हैं युवा शक्ति को संगठित तौर पर एकता और स्वावलंबन को बढ़ावा दिया जा रहा है….. विभिन्न प्रायोगिक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं…. देश की युवा शक्ति की बड़ी समस्या बेरोज़गारी पर नियंत्रण पाने के लिए वैकल्पिक माध्यमों का सहारा लिया जा रहा है….

देश में आर्थिक परिवर्तन

प्रगतिशील विश्व की महाशक्ति अमेरिका आज तकनीकी क्षेत्र ही नहीं आर्थिक रूप से भी स्वतंत्र और सक्षम है…..देश का दंभ अर्थशास्त्र के महान सिद्धांत के निर्देशन में अपनी दिशा में गतिमान फलिभूत आपूर्ति और उत्पाद के मिलान में लगातार चलायमान है….प्रयासरत है स्वतंत्र भारत में प्रगति पथ पर आज प्रश्नवृत है सही उत्पादों और उनके समय पर उपभोक्ताओं तक मांग की तृप्ति के लिए उपलब्धता का…. आयात और निर्यात के समय के अनुसार जूझते स्तर को दिशा देने के नीति निर्माण कार्यों में तल्लीन रहने का….अनेकों योजनाएं सेवा प्रदान करने के लिए सरकार ने बनाईं हैं समाज में अभाव और वंचितों को शिक्षा और स्वास्थ के क्षेत्र से जोड़ने के प्रयासों के रूप में सेवाएं घर-घर इकाईयों तक पहुंचाने के लिए सुलक्ष्ति और नवनिर्मित योजनाओं के शुभारंभ किए गए हैं…अर्थव्यवस्था आने वाले मूल के लाभ पर लक्ष्ति है….

सामजिक बदलाव

देश आज एक स्वर में एक साथ कह रहा है गली मुहल्लों से स्कूलों कोलेजों से आवाज़ दो हम एक हैं…. देश कि गलियां खून और आक्रोश की ज्वाला से दहक रही हैं… सीएए एनआरसी एनपीआर सारे ही काली स्याही से नहीं काले रंग से कहें या कह दे समाज को उस रंग में डुबो देंगें  जिसे व्यवस्था के नाम पर लागू किया जा रहा है… देश के नौनिहालों का सम्मान जहां राष्ट्रीयता गौरव तो है लेकिन वहीं चयनित सरकार का काले कानून को नाफिज़ करना वाटरों कि आज़ादी को छिनना भी है… रोष और ग़ुस्सा शाहीन बाग़ में देश के अन्य बाग़ों में क्रांति के रूप में जारी आंदोलन में शांति के स्वरूप में दिखाई दे रहा है…. यूनिवर्सिटीज़ में जारी प्रदर्शनों में नौजवानों की प्रतिभाओं की आहूतियों ने यज्ञ अग्नि को प्रजव्वलित रखा है….।

उपलब्ध संसाधन

संसाधन सदैव से ही सवालिया है… उपलब्धता प्राकृतिक संसाधनों की साथ ही इनका प्रयोग इनके आधार के अनुसार आवश्यक है अपितु स्थिति संस्थाओं की आज के हालात पर देखी जा सकती है, शिक्षण और रोज़गार आज गंभीर स्थिति में हैं… क्यो प्रशन है आज की स्थिति में बैंको के विलय ने आपात स्थिति को जन्म दिया है कि कोई जमा पूंजी तथा निवेश संबंधी निर्णय किस तर्ज पर लेगा सरकार के प्रयास जारी हैं।।

सेना प्रमुख और रक्षा के क्षेत्र में हुए परिवर्तन

जनरल बिपिन रावत (PVSM, UYSM, AVSM, YSM, SM, VSM, ADC) भारत के पहले और वर्तमान रक्षा प्रमुख या चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) हैं; उन्होंने ने १ जनवरी २०२० को रक्षा प्रमुख के पद का भार ग्रहण किया। इससे पूर्व वो भारतीय थलसेना के प्रमुख थे। लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवणे भारतीय सेना के 28वें सेना प्रमुख बनाए गए। उन्होंने जनरल बिपिन रावत की जगह ली। जनरल रावत ने लेफ्टिनेंट नरवणे को बैटन सौंपी ।

नीचे रक्षामंत्रालय के प्रमुख फैसले का सूत्र संलग्न है।।

पत्र सूचना कार्यालय
भारत सरकार
रक्षा मंत्रालय

19-सितम्बर-2019 17:43 IST

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आत्म-निर्भरता हासिल करने के लिए रक्षा में और अधिक अनुसंधान एवं विकास प्रयास करने का आह्वान किया

      रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने के लिए भारत को अधिक अनुसंधानविकासनवोन्‍मेष और आधुनिक तकनीक की आवश्यकता है। श्री राजनाथ सिंह ने बेंगलुरु में इंजीनियर्स कॉन्क्लेव 2019 के 7 वें संस्करण का उद्घाटन करते हुए यह बात कही। इस वर्ष की बैठक दो विषयों पर आधारित है, ‘ रक्षा टेक्नोलॉजी और नवोन्‍मेष’ और ‘डिजिटल टेक्नोलॉजी के इस्‍तेमाल से ग्रामीण भारत में परिवर्तन

रक्षा मंत्री ने कहा कि भारतीय रक्षा उद्योग ने अतीत में अपनी पूरी क्षमता का प्रदर्शन नहीं किया है जिसके कारण आयातित हथियारों पर देश की निर्भरता बढ़ गई। उन्होंने जोर देकर कहा कि महत्वपूर्ण और आधुनिक प्रौद्योगिकी को देश में ही विकसित करने से देश आत्मनिर्भर बनेगाजिससे बहुमूल्‍य विदेशी मुद्रा की बचत होगीजिसका उपयोग देश में अन्य विकास कार्यों में किया जा सकता है। उन्होंने निरंतर होने वाले नव परिवर्तन को किसी भी राष्ट्र के लिए सफलता की कुंजी बतायाउन्‍होंने कहा कि तेज गति से हर बी‍तते हुए दिन के साथ प्रौद्योगिकी पुरानी हो जाती है।

श्री राजनाथ सिंह ने कहा, “यह पूरी तरह सही है कि जब देश युद्ध पर जाते हैंतो वही विजयी होता है जिसके पास सबसे अच्छी तकनीक होती है।”

रक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की आवश्यकता पर जोर देते हुएश्री राजनाथ सिंह ने कहा कि एआई भविष्य में सैन्य संचालन के तरीके में महत्वपूर्ण बदलाव लाने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि भारत को रक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग की एक महत्वपूर्ण शक्ति बनाने के लिए सरकार ने एक रोडमैप तैयार किया है।

रक्षा क्षेत्र में प्रौद्योगिकी और नवोन्मेष पर जोर दिया गया है क्योंकि आम जनता को इसका बहुत बड़ा लाभ है।

इस दिशा में सरकार द्वारा शुरू की गई पहलों को सूचीबद्ध करते हुएश्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सूक्ष्‍मलघु और मध्‍यम उद्योगस्टार्ट अपव्यक्तिगत अन्‍वेषक और अनुसंधान और विकास संस्थानों सहित उद्योगों द्वारा रक्षा और एयरोस्पेस में नवाचार और प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देने के लिए इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस (आईडीईएक्‍सयोजना शुरू की गई है। नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिएउन्होंने कहा, ‘मेक इन इंडिया‘ पहल ने यह सुनिश्चित किया है कि एमएसएमई और स्टार्ट-अप कंपनियों को अवसर दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘स्टार्ट-अप इंडिया‘ नए विचारों को आला तकनीक में बदलने और उसके उपयोग के लिए एक मंच प्रदान कर रहा है।

भारत को 2024 तक पाँच ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर और बाद में 2030 तक 10 ट्रिलियन अमरीकी डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के सरकार के संकल्प को दोहराते हुएरक्षा मंत्री ने कहा कि रक्षा प्रमुख क्षेत्र है जिसे विकास के इस स्तर की प्राप्ति में महत्वपूर्ण योगदान देना है। उन्होंने 2025 तक एयरोस्पेस और रक्षा वस्तुओं और सेवाओं में 26 बिलियन अमरीकी डालर का कारोबार हासिल करने की उम्मीद जताईजिससे लगभग 2-3 मिलियन लोगों को रोजगार मिलेगा।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री के रूप में अपने पिछले कार्यकाल में  ‘डिजिटल प्रौद्योगिकी के इस्‍तेमाल से ग्रामीण भारत में परिवर्तन‘ के बारे में उन्‍होंने कहा कि  उन्होंने हमेशा यह सुनिश्चित करने की कोशिश की कि सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों को ग्रामीण भारत की चिंताओं को ध्यान में रखकर प्रतिपादित किया जाए। उन्होंने कहा कि भारत के समग्र विकास के लिए गांवों का परिवर्तन बुनियादी आवश्यकता है।

रक्षा मंत्री ने ग्रामीण भारत में रहने वाले किसानों और लोगों के जीवन को बदलने के लिए सरकार के संकल्प को एक बार फिर दोहराया। उन्होंने कहा कि इस परिवर्तन को लाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने जन-धनआधार और मोबाइल (जेएएमकी त्रिमूर्ति पर सही तरीके से जोर दिया।

उद्घाटन समारोह में रक्षा विभागअनुसंधान और विकास के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डीइंडियन नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग (आईएनएईके अध्यक्ष  डॉ. सनक मिश्राऔर डीआरडीओइसरोडीपीएसयू के अन्‍य अधिकारियोंशिक्षाविदों और उद्योगों के अधिकारी मौजूद थे। ।

इंजीनियर्स कॉन्क्लेव’ आईएनएई ने सार्वजनिक क्षेत्र के नवरत्‍न रक्षा उपक्रम भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बेलके सहयोग से 19-21 सितंबर, 2019 तक भारत इलेक्ट्रॉनिक्स अकादमी फॉर एक्सीलेंस (बीएई), बेंगलुरु में आयोजित किया है।

सीमा और सुरक्षा

सीमा सुरक्षा बल  भारत का एक प्रमुख अर्धसैनिक बल है एवँ विश्व का सबसे बड़ा सीमा रक्षक बल है। जिसका गठन 1 दिसम्बर 1965 में हुआ था। इसकी जिम्मेदारी शांति के समय के दौरान भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर निरंतर निगरानी रखना, भारत भूमि सीमा की रक्षा और अंतर्राष्ट्रीय अपराध को रोकना है। जिस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए देश के रक्षामंत्री में नव तकनीकी आयामों को रक्षा प्रणाली में जोड़ने का प्रमुख निर्णय लिया तथा इस समय बीएसएफ की 188 बटालियन है और यह 6,385.36 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा करती है जो कि पवित्र, दुर्गम रेगिस्तानों, नदी-घाटियों और हिमाच्छादित प्रदेशों तक फैली है। सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों में सुरक्षा बोध को विकसित करने की जिम्मेदारी भी बीएसएफ को दी गई है। इसके अलावा सीमा पर होने वाले अपराधों जैसे तस्करी/घुसपैठ और अन्य अवैध गतिविधियों को रोकने की जवाबदेही भी इस पर है।

गुड गवर्नेंस

भारत केंद्र सरकार ने सुशासन दिवस पर गुड गवर्नेंस इंडेक्स (जीजीआई) जारी की। कार्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को बताया कि जीजीआई के मुताबिक, बड़े राज्यों में तमिलनाडु पहले स्थान पर रहा। दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र और कर्नाटक तीसरे स्थान पर है। कार्मिक मंत्रालय ने गुरुवार को यह सूची जारी की। इसमें छत्तीसगढ़ (चौथे), आंध्र प्रदेश (पांचवें), गुजरात(छठे), हरियाणा (सातवें), केरल(आठवें), मध्य प्रदेश (नौवें) और पश्चिम बंगाल (दसवें) स्थान पर है। कृषि और सामाजिक कल्याण के पैमाने पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ शीर्ष पर हैं। वहीं, देश का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश इस रैंकिंग में 17वें पायदान पर है। कृषि और इससे संबंधित, वाणिज्य और उद्योग, मानव संसाधन विकास, सार्वजनिक स्वास्थ्य, सार्वजनिक बुनियादी ढांचा, आर्थिक शासन, सामाजिक कल्याण व विकास, न्यायिक व सार्वजनिक सुरक्षा, पर्यावरण और नागरिक केंद्रित शासन शामिल हैं।

शहर और ग्राम

पिछले कुछ वर्षो में ग्रामीण क्षेत्र को गरीबी से उबारने के लिए कई आकषर्क योजनाएं शुरू की गई हैं। इसके तहत कृषि उत्पादकता बढ़ाने पर विशेष जोर दिया गया है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड और फसल बीमा योजनाओं के अच्छे परिणाम दिख रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र के समग्र विकास के लिए शुरू की गई समग्र शिक्षा एवं साक्षर भारत जैसी योजनाएं आगे चलकर देश के विकास में मील का पत्थर साबित होंगी। इससे ग्रामीण साक्षरता में भारी सुधार आने की उम्मीद है। यह सर्वविदित है कि ग्रामीणों की आय का एक बड़ा हिस्सा विभिन्न प्रकार की बीमारियों का इलाज कराने में ही खर्च हो जाता है। स्वच्छ भारत मिशन जैसी योजनाओं के साथ ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार लाने की अच्छी कोशिश की जा रही है। देश में कुपोषण और डायरिया की वजह से हर साल लगभग तीन लाख बच्चों की मौत होती है। सरकार का लक्ष्य वर्ष 2022-23 तक ग्रामीण आय को दोगुना करना है। फिलहाल प्रौद्योगिकी के जरिए कृषि पैदावार बढ़ाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। नई प्रौद्योगिकी से श्रम, मजदूरी और लागत घटाने में मदद मिल रही है। जाहिर है कृषि उत्पादन की तुलना में किसानों की आय ऊंची दर से बढ़ेगी। एक मोटे अनुमान के तौर पर उपज के वाजिब दाम, फसलों का कुशल प्रबंधन और जिंसों के उचित भंडारण जैसे उपायों के जरिए किसानों की आय में एक तिहाई वृद्धि दर्ज की जा सकती है। इसके लिए कृषि बाजार और भूमि के अनुबंध की प्रक्रिया में बड़े बदलाव की जरूरत है।

हावडी मोदी इवेंट

हावडी मोदी इवेंट अमेरिका में खासकर प्रधानमंत्री मोदी के भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिकों को संबोधन के लिए किया गया इस प्रोग्राम पर पूरी दुनिया की नजरें थीं. यह प्रोग्राम खासकर पीएम मोदी के लिए  ही आयोजित किया गया था जिसमें मोदी के साथ ट्रंप भी शामिल थे. ट्रंप के साथ इस प्रोग्राम में अमेरिका के कई दिग्गज नेता भी शामिल हुए थे. ये प्रोग्राम एनआरजी स्टेडियम, ह्यूस्टन में 22 सिंतबर को आयोजित किया गया था. हाउडी मोदी प्रोग्राम (Howdy Modi) अमेरिका और भारत के रिश्तों के लिहाज से आयोजित महत्वपूर्ण इवोंट था. ‘हाउडी मोदी’ इवेंट में ट्रंप की मौजूदगी साफ दिखा रही थी अमेरिका और भारत के संबंधों की निकटता.

विदेशों के प्रति भारत के संबंधों की भूमिका

किसी भी देश की विदेश नीति इतिहास से गहरा सम्बन्ध रखती है। भारत की विदेश नीति भी इतिहास और स्वतन्त्रता आन्दोलन से सम्बन्ध रखती है। ऐतिहासिक विरासत के रूप में भारत की विदेश नीति आज उन अनेक तथ्यों को समेटे हुए है जो कभी भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन से उपजे थे। शान्तिपूर्ण सहअस्तित्व व विश्वशान्ति का विचार हजारों वर्ष पुराने उस चिन्तन का परिणाम है जिसे महात्मा बुद्ध व महात्मा गांधी जैसे विचारकों ने प्रस्तुत किया था। इसी तरह भारत की विदेश नीति में उपनिवेशवाद, साम्राज्यवाद व रंगभेद की नीति का विरोध महान राष्ट्रीय आन्दोलन की उपज है।

भारत के अधिकतर देशों के साथ औपचारिक राजनयिक सम्बन्ध हैं। जनसंख्या की दृष्टि से यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्रात्मक व्यवस्था वाला देश भी है और इसकी अर्थव्यवस्था विश्व की बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।

प्राचीन काल में भी भारत के विदेशों से व्यापारिक, सांस्कृतिक संबंध रहे हैं।भारत का स्वरूप समयनुसार बदलता रहा समयकाल में यात्रा जारी रखते हुए वैश्विक स्तर पर भारत के संबंध सदैव फलिभूत रहे। भारत के सामरिक संबंधों की यदि बात करें तो भारत की यही विशेषता है कि वह कभी भी आक्रामक नहीं रहा हां स्वयं की रक्षा करते हुए दुश्मन के दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब दिया।

1947 में अपनी स्वतंत्रता के बाद से, भारत ने अधिकांश देशों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखे। वैश्विक मंचों पर भारत सदा सक्रिय रहा। 1990 के बाद के आर्थिक तौर पर भी भारत ने विश्व को प्रभावित किया। सामरिक रूप से भारत ने अपनी शक्ति को बनाए रखा है और विश्व शांति में सहयोग करता रहा है। आज भारत की गिनती दुनिया की पांच प्रमुख कंपनियों में की जा रही है।।

जामिया नई दिशा और क्रांति की मिसाल है… आज एक बार फिर समाज को एक साथ एक स्वर में चुनौती दे रहा है। यह सच है कि सरकार की दमनकारी नीतियों को दबे कुचले वर्ग पर किए जा रहे हैं ज़ुल्म को जवाब के रूप में कूटनीति स्वरूप साझा कर रहा है…..

मूल रूप से ही हमेशा समाज के उत्थान के पक्ष में पहल करना और समाज को शिक्षित करने के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने एक बीज स्वरुप जामिया मिल्लिया इस्लामिया संस्थान को खिलाफत आंदोलन के तहत स्थापित किया। शायद वो महान आत्मा उस समय का विश्लेषण कर चुकी थी

भविष्य में समाज के विखंडन को रोकने के लिए विचारों की गठरी….. इसी संस्था के रूप में समाज के आज के विचारवादी वर्ग के रुप में सौंपी गई थी…