हर शुक्रवार आंगनवाड़ी केन्द्रों पर मनेगा ऊपरी आहार अभ्यास दिवस

6 से 9 माह की माताओं को ऊपरी आहार पर दी जाएगी जानकारी
ऊपरी आहार से संबंधित व्यवहार परिवर्तन में होगी सुधार
लहर डेस्क- बिहारशरीफ़ 9 मई: सामुदायिक सहभागिता के जरिए ऊपरी आहार से संबंधित व्यवहार परिवर्तन में सुधार के लिए आईसीडीएस द्वारा नई पहल की गयी है. इसके लिए आईसीडीएस निदेशक ने पत्र के माध्यम से सभी आईसीडीएस जिला कार्यक्रम प्रबंधकों को पत्र लिखकर हर शुक्रवार को प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्रों पर ऊपरी आहार अभ्यास दिवस आयोजित कराने के निर्देश दिए हैं. बच्चे के जन्म के प्रथम 6 माह में माँ का दूध सर्वोतम आहार है जिससे बच्चे के सभी पोषक.जरूरत पूरी हो जाती है. लेकिन 6 माह बाद केवल स्तनपान पर्याप्त नहीं होता. शारीरिक एवं मानसिक गतिविधियों में इजाफ़ा होने के कारण 6 माह के बाद स्तनपान के साथ ऊपरी आहार की जरूरत होती है.
कुपोषण की गंभीरता को देखकर लिया गया निर्णय: ऊपरी आहार की शुरुआत शिशु के 6 माह बाद से की जाती है. इसको लेकर अभी राज्य में प्रत्येक माह की 19 तारीख को सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों पर अन्नप्राशन दिवस का आयोजन भी किया जा रहा है. इसके द्वारा ऊपरी आहार के प्रति सामुदायिक सहभागिता एवं जागरूकता में बढ़ोतरी तो हुई है लेकिन अभी भी राज्य में बाल कुपोषण एक गंभीर समस्या है. इसे देखते हुए ऊपरी आहार अभ्यास दिवस आयोजित करने का फ़ैसला किया गया है. इसके माध्यम से ऊपरी आहार की विलंब से शुरुआत, आहार की गुणवत्ता एवं उचित मात्रा को सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा.
सेविकाओं को दी गयी ज़िम्मेदारी: ऊपरी आहार अभ्यास दिवस के कुशल कार्यान्वयन के लिए आंगनवाड़ी सेविकाओं को निर्देशित किया गया है. सेविकाएं गृह भ्रमण के जरिए अपने पोषक क्षेत्र में आने वाले सभी 6 से 9 माह आयु के बच्चों की माताओं को अपने बच्चों के लिए घर में बना गर्म तैयार खाना हर शुक्रवार को नियत समय पर आंगनवाड़ी केंद्र पर लाने के लिए प्रेरित करेंगी. सेविकाएं ऊपरी आहार अभ्यास दिवस पर इसका प्रदर्शन कर माताओं को इसके विषय में जागरूक करेंगी.
इन गतिविधियों को किया जाएगा शामिल: ऊपरी आहार अभ्यास दिवस पर विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित किए जाएंगे. इस दौरान हाथ धोने का प्रदर्शन होगा जिसमें बच्चों को खाना खिलाने से पूर्व साबुन से हाथ धुलने के विभिन्न चरणों का प्रदर्शन होगा. माताओं द्वारा शिशुओं के लिए घर से लाये गए खाने का सामूहिक अवलोकन करने पर भी जोर दिया जाएगा. इसमें सेविका लाये गए खाने में शामिल चावल, रोटी, दाल, हरी सब्जी, अंडा एवं अन्य खाद्य पदार्थों की पोषक तत्वों के विषय में चर्चा कर माताओं को इसके विषय में जागरूक करेंगी. यदि किसी दशा में माताएं घर से पका भोजन नहीं ला पाएंगी तब उन्हें आंगनवाड़ी केंद्र में मेनू के अनुसार पका एक कटोरी भोजन का प्रयोग कर इसका प्रदर्शन किया जाएगा.
प्रदर्शन एवं अभ्यास पर होगा विशेष ज़ोर: सेविकाएं हाथ धोने के प्रदर्शन के बाद खाने को मसल कर एवं अर्ध ठोस आहार बना कर खिलाने का प्रदर्शन करेंगी. साथ ही 7 माह एवं इससे बड़ी उम्र के ऐसे बच्चें जिनको खाने की आदत है उन्हें उनकी माताओं के साथ ही यू आकार में बिठाकर उन्हें खाने के लिए प्रेरित करेंगी ताकि बड़े बच्चों को खाना खाते देखकर 6 माह के बच्चों में भी खाना खाने की इच्छा जागृत हो सके. इसके अलावा सेविकाएं खाने की इच्छा के संकेतों को पहचानकर साफ़ हाथ या चम्मच से खाना खिलाने का प्रदर्शन भी करेंगी.