सुरक्षित गर्भपात पर हुई समीक्षा बैठक

मुजफ्फरपुर/ 28 मई: सिविल सर्जन डॉ शैलेश प्रसाद सिंह कि अध्यक्षता में ज़िला स्वास्थ्य समिति में मंगलवार को सुरक्षित गर्भपात पर समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया. बैठक के माध्यम से असुरक्षित गर्भपात के द्वारा होने वाले मृत्यु दर को कम करने और सुरक्षित गर्भपात को बढ़ावा देने पर विस्तार से चर्चा की गयी.

इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ शैलेश प्रसाद सिंह ने बताया कि असुरक्षित गर्भपात से महिलाओं में होने वाली मृत्यु दर में बढ़ोतरी होती है. इसमें कमी लाने के लिए सरकार द्वारा निरंतर संस्थागत सुरक्षित गर्भपात को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके लिए गर्भपात कराने वाले चिकित्सकों के लिए विशेष प्रोत्साहन राशि का भी प्रावधान है. इसमें चिकित्सक को गर्भपात कराने पर 500 रूपये की धनराशि एवं गर्भपात करने के बाद महिला को कॉपर टी लगाने पर अतिरिक्त 150 रूपये दिए जाते हैं. सुरक्षित गर्भपात के लिए चयनित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों , सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं जिला अस्पताल को चिन्हित किया गया है. इसके लिए सभी चयनित पीएचसी में गर्भपात से संबन्धित दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है

डॉ सिंह ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत में होने वाले दो तिहाई गर्भपात अवैध और असुरक्षित तरीकों से या तो घर में किये जाते हैं या फिर गैर-कानूनी रूप से चल रहे अस्पतालों में अप्रशिक्षित चिकित्सकों द्वारा कराये जाते हैं. यही वजह है कि भारत में गर्भपात के दौरान हर साल 4600 महिलाओं की मृत्यु हो जाती है ( हर दो घंटे में एक महिला की मौत). कई महिलाओं को असुरक्षित प्रसव के कारण ज़िन्दगी भर के लिए अन्य स्वास्थ्य संबंधित दुष्परिणाम भी झेलने पड़ते हैं. यह समझना महत्त्वपूर्ण है कि प्रशिक्षित चिकित्सकों की निगरानी में ही सुरक्षित गर्भपात संभव होता है. सुरक्षित गर्भपात के लिए कुछ मानक तैयार किये गए हैं. इन मानकों के खिलाफ़ गर्भपात करवाना अवैध माना जाता है एवं इनके खिलाफ़ कार्यवाही भी की जा सकती है.

बैठक के दौरान सुरक्षित गर्भपात पर सामुदायिक जागरूकता फ़ैलाने की बात कही गयी. साथ ही सभी स्वास्थ्य कर्मियों को अपने क्षेत्र में इसके प्रति आम-जागरूकता फ़ैलाने के भी निर्देश दिए गए. साथ ही अस्पतालों में आने वाले मरीजों को भी सुरक्षित प्रसव के फायदों के विषय में लोगों को जानकारी देने की बात कही गयी.
इस दौरान ज़िला कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ बीपी वर्मा , सभी पीएचसी के बीएचएम एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे.