सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए संस्थागत प्रसव को दें प्राथमिकता

  • सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में सुरक्षा के हर मानकों का रखा जाता है ख्याल, दी जाती समुचित स्वास्थ्य सेवा
  • गर्भावस्था के दौरान किसी प्रकार की परेशानी होने पर योग्य चिकित्सकों से ही कराएं जाँच
  • जिला अस्पताल में फिर से शुरू हुई सिजेरियन प्रसव की सेवा

खगड़िया, 22 जनवरी|
गर्भावस्था के दौरान हर महिलाओं के मन में सामान्य और सुरक्षित प्रसव को लेकर तरह-तरह के सवाल उठते हैं। दरअसल, हर महिला सामान्य और सुरक्षित प्रसव ही चाहती है। इसलिए, सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए संस्थागत प्रसव को प्राथमिकता देने की जरूरत है। दरअसल, सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए सरकारी स्वास्थ्य संस्थान यानी अस्पतालों में पर्याप्त सुविधा उपलब्ध हैं| अस्पतालों में सुरक्षा के हर मानकों का भी ख्याल रखा जाता है। इससे न सिर्फ सुरक्षित और सामान्य प्रसव को बढ़ावा मिलेगा बल्कि, मातृ-शिशु मृत्यु दर में भी कमी आएगी।

  • जिला अस्पताल में फिर से शुरू हुई सिजेरियन प्रसव की सेवा :-
    जिला सिविल सर्जन पदाधिकारी डॉ अजय कुमार सिंह ने बताया कि कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए जिला अस्पताल में सिजेरियन प्रसव की सेवा विभागीय निर्देश पर तत्काल बंद कर दी गई थी। किन्तु, इसी माह से पुनः शुरू कर दी गई है। ताकि जरूरतमंद प्रसव पीड़िता को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो। बीते 06 जनवरी को सिजेरियन के माध्यम से पहला प्रसव कराया गया था। इस माह में अबतक सिजेरियन के माध्यम से कुल से तीन प्रसव कराया जा चुका है।
  • सुरक्षित प्रसव के लिए उपलब्ध हैं सुरक्षा की पर्याप्त सुविधा, प्रसव के बाद दी जाती है आवश्यक जानकारी :-
    जिला अस्पताल के लेबर रूम इंचार्ज शोभा कुमारी ने बताया कि सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में सुरक्षित प्रसव के लिए सुरक्षा के मद्देनजर समुचित व्यवस्था उपलब्ध हैं। इसके अलावा प्रसव के बाद महिलाओं को स्वास्थ्य एवं शिशु के बेहतर शारीरिक और मानसिक विकास के लिए आवश्यक जानकारी भी दी जाती है। ताकि प्रसव के पश्चात भी माता एवं शिशु को किसी प्रकार की शारीरिक पीड़ा नहीं हो और होने पर तुरंत आवश्यक उपचार करा सकें।
  • जिला अस्पताल में औसतन प्रत्येक माह एक हजार गर्भवती का हो रहा है प्रसव :-
    खगड़िया जिला अस्पताल में औसतन प्रत्येक माह एक हजार गर्भवती का सामान्य और सुरक्षित प्रसव हो रहा है। जो बेहतर स्वास्थ्य सेवा का बड़ा संकेत है। जिसका प्रभाव सामाजिक स्तर पर भी दिख रहा है। शायद यही वजह है कि लोग अब सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों की के सेवा पर ही भरोसा करने लगे हैं और बड़ी संख्या में गाँव – कस्बों से लोग अस्पताल पहुँचने लगे गें हैं।
  • सिजेरियन प्रसव के दौरान मिली बेहतर स्वास्थ्य सेवा :-
    जिला अस्पताल में के सिजेरियन प्रसव होने के बाद महिला वार्ड में भर्ती एडमिट खगड़िया निवासी रानी देवी ने बताया कि प्रसव पीड़ा होने पर मैं आशा के माध्यम से यहाँ आई। ड्यूटी पर तैनात एएनएम दीदी ने सामान्य प्रसव के लिए काफी प्रयास किया। किन्तु, सफलता नहीं मिलने पर मेरा सिजेरियन के माध्यम से प्रसव कराया गया। इस दौरान स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा हमेशा मेरी देखभाल कर बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान की गयी दिया गया। जिससे मैं काफी खुश हूँ और अन्य महिलाओं से भी प्रसव के लिए सरकारी स्वास्थ्य संस्थान ही आने की अपील करती हूँ। पूर्व में भी मेरे दो बच्चे का यहाँ ही सामान्य प्रसव हुआ था।
  • सुरक्षित मातृत्व के लिए प्रसव पूर्व जाँच है जरूरी :-
    शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए बेहतर प्रसव एवं उचित स्वास्थ्य प्रबंधन जरूरी है। प्रसव पूर्व जाँच से ही गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य की सही जानकारी मिलती है। गर्भावस्था में बेहतर शिशु विकास एवं प्रसव के दौरान होने वाले रक्तस्राव श्राव के प्रबंधन के लिए महिलाओं में पर्याप्त मात्रा में खून होना आवश्यक होता है। जिसमें प्रसव पूर्व जाँच की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। एनीमिया प्रबंधन के लिए प्रसव पूर्व जाँच के प्रति महिलाओं की जागरूकता न सिर्फ एनीमिया रोकथाम में सहायक होती है बल्कि सुरक्षित मातृत्व की आधारशिला भी तैयार करती है। ऐसे में प्रसव पूर्व जांच की महत्ता और अधिक बढ़ जाती है, क्योंकि यह मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
  • हर माह की नौ तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत की जाती है मुफ्त जाँच:
    सुरक्षित मातृत्व के लिए प्रसव पूर्व जाँच हर माह की नौ तारीख को सभी पीएचसी एवं सरकारी अस्पतालों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत की जाती है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस आदि कार्यक्रम के माध्यम से एनेमिक गर्भवती महिलाओं की जाँच की जा रही है एवं साथ ही सामुदायिक स्तर पर गर्भवती महिलाओं को बेहतर खान-पान के बारे में भी जानकारी दी जा रही। इसके साथ ही अधिक से अधिक गर्भवती माताओं के प्रसव पूर्व जाँच सुनिश्चित कराने पर बल दिया जा रहा है। इसके लिए सभी एएनएम एवं आशाओं का क्षमतावर्धन भी किया गया है। गर्भवती महिलाओं की चारों प्रसव पूर्व जांच माता एवं उसके गर्भस्थ शिशु की स्थिति स्पष्ट करती है और संभावित जटिलताओं का पता चलता है। लक्षणों के मुताबिक जरूरी चिकित्सीय प्रबंधन किया जाता है ताकि माता और उसके शिशु दोनों स्वस्थ रहें।
  • इन मानकों का रखें ख्याल, कोविड-19 संक्रमण से रहें दूर :-
  • साबुन या अन्य अल्कोहलयुक्त पदार्थों से बार-बार हाथ धोने की आदत डालें।
  • मुँह, नाक, ऑख को अनावश्यक छूने से बचें।
  • मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करें और दूसरों को जागरूक करें।
  • बाहर निकलने पर सैनिसेनेटाइजर जरूर पास में रखें।
  • बाहर का खाना खाने से बचें और जहाँ सुरक्षा के मानकों का ख्याल नहीं रखा जाता हो वहाँ बिलकुल नहीं खाएँ।
  • साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें।
  • भीड़-भाड़ वाले जगहों से परहेज करें।