विश्व हाइपरटेंशन दिवस : तनावमुक्त जीवन शैली है मददगार
“नो योर नम्बर्स’’ होगी इस वर्ष की थीम
पूर्णिया/ 16 मई: तेजी से बदलते जीवनशैली से हाइपरटेंशन से ग्रसित होने वाले लोगों में तेजी से इजाफ़ा हुआ है. हाइपरटेंशन यानि उच्च रक्तचाप से बचाव के लिए प्रत्येक वर्ष 17 मई को विश्व हाइपरटेंशन दिवस मनाया जाता है.
क्या है हाइपरटेंशन : इसे सामन्य भाषा में उच्च रक्तचाप भी कहा जाता है. यह दो प्रकार का होता है. पहला एस्सेनशिअल हाइपरटेंशन जो मूलतः अनुवांशिक, अधिक उम्र होने पर, अत्यधिक नमक का सेवन तथा लचर एवं लापरवाह जीवनशैली के कारण होता है. दूसरा सेकेंडरी हाइपरटेंशन जो उच्च रक्तचाप का सीधा कारण चिन्हित हो जाये उस स्तिथि को सेकेंडरी हाइपरटेंशन कहते हैं. यह गुर्दा रोग के मरीजों तथा गर्भ निरोधक गोलियों का सेवन करने वाली महिलाओं में अधिक देखा जाता है.
यह लक्ष्ण दिखाई दे तो हो जाएं सावधान : हाइपरटेंशन को शुरूआती लक्ष्णों से जाना जा सकता है एवं इससे बचा भी जा सकता है.
सर में अत्यधिक दर्द रहना.
लगातार थकावट का अहसास
सीने में दर्द होना.
सांस लेने में कठिनाई.
दृष्टि में धुंधलापन
पेशाब में खून आना
गर्दन,सीने व बांहों में दर्द का लगातार बने रहना
जिले के जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारीसर्जन डा. सुभाष चंद्र पासवानने बताया कि ख़राब जीवनशैली के कारण धीरे-धीरे किशोर एवं युवक भी इस गंभीर समस्या से पीड़ित हो रहे हैं. इसलिए बिगडती जीवनशैली को ठीक करना बहुत जरुरी है. आहार में फ़ास्ट फ़ूड की जगह फलों का सेवन, सुबह जल्दी उठना एवं रात में जल्दी सोना, अवसाद एवं तनाव से बचना एवं नियमित व्यायाम से इस रोग से बचा जा सकता है. अधिकतर हाइपरटेंशन के रोगियों को मालूम भी नहीं रहता की वह इससे ग्रसित हैं तथा इसके लक्षणों को नजरंदाज करते हैं. इसे अनदेखा करने वाले मरीजों को गंभीर बीमारियों जैसे हृदयघात, मस्तिष्कघात, लकवा, ह्रदय रोग,किडनी का काम करना बंद हो जाना जैसी स्थिति का सामना करना पड़ता है.
यह है कारण: तनावग्रस्त जीवनशैली हाइपरटेंशन के प्रमुख कारणों में से एक है. इसके अलावा धूम्रपान करना, मोटापा, अत्यधिक शराब का सेवन, अच्छी नींद का ना लेना, चिंता, अवसाद, भोजन में नमक का अधिक प्रयोग, गंभीर गुर्दा रोग, परिवार में उच्च रक्तचाप का इतिहास एवं थाईराइड की समस्या हाइपरटेंशन का कारण हो सकता है.
क्या कहते हैं आँकड़ें : राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण – 4 के अनुसार जिले में 0.4 प्रतिशत पुरुष गंभीर हाइपरटेंशन से ग्रसित हैं तथा 1.1 प्रतिशत पुरुष सामान्य हाइपरटेंशन से पीड़ित हैं. महिलाओं में यह प्रतिशत अधिक है तथा जिले की 1.2 फीसदी महिलाएं गंभीर हाइपरटेंशन से एवं 1.5 प्रतिशत महिलाएं सामान्य हाइपरटेंशन से पीड़ित हैं.
हाइपरटेंशन दो प्रकार के होते हैं-
क्या है कारण-
क्या है उपचार- जिले की सिविल सर्जन डा. उषा किरण वर्मा बताती हैं की नियमपूर्वक व्यायाम करना, चिकित्सक द्वारा बताई गयी दवाओं का नियमित सेवन तथा तनाव घटाने हेतु योग क्रिया हाइपरटेंशन को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं.
विशेषज्ञों का मानना है की अधिकतर हाइपरटेंशन के रोगियों को मालूम भी नहीं रहता की वो इससे ग्रसित हैं तथा इसके लक्षणों को नजरंदाज करते हैं. इसे अनदेखा करने वाले मरीजों को गंभीर बिमारियों जैसे हृदयघात, मस्तिश्कघात, लकवा, ह्रदय रोग,किडनी का काम करना बंद हो जाना जैसी स्तिथि का सामना करना पड़ता है.