मातृ मृत्यु दर को नियंत्रित करेगी ‘अंतरा’ एवं ‘छाया’

जिले के प्रत्येक स्वास्थ्य केन्द्र में निःशुल्क है उपलब्ध है यह गर्भ निरोधक
बक्सर / 6 जून : गर्भ निरोधक साधनों के इस्तेमाल में गति लाने के लिए सरकार द्वारा दो नवीन गर्भ निरोधक अंतरा एवं छाया की शुरुआत की गयी है. सामुदायिक स्तर पर इसके अधिकतम इस्तेमाल को सुनिश्चित कराने के लिए दोनों नवीन साधनों को जिले के प्रत्येक स्वास्थ्य केन्द्रों पर निःशुल्क उपलब्ध कराया गया है. इससे परिवार नियोजन साधनों के इस्तेमाल में बढ़ोतरी के साथ लोगों का इसके प्रति रुझान भी बढ़ा है.

आशा एवं एएनएम को दी गयी ज़िम्मेदारी: जिला अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डा. कमल किशोर राय ने बताया कि जिले में अंतरा एवं छाया की शुरुआत होने से महिलाओं द्वारा गर्भ निरोधक साधनों के इस्तेमाल में बढ़ोतरी हुई है। दोनों नवीन गर्भ निरोधक साधनों पर आशा एवं एएनएम को प्रशिक्षण दिया गया है. साथ ही सामुदायिक स्तर पर इसके विषय में अधिक से अधिक महिलाओं को जागरूक करने के लिए आशा एवं एएनएम को ज़िम्मेदारी दी गयी है.
लाभार्थी एवं प्रेरक दोनों को प्रोत्साहन राशि : बच्चों में अंतराल एवं अनचाहे गर्भ से बचाव के लिए दो नवीन गर्भ निरोधक- ‘अंतरा’ एवं ‘छाया’ की शुरुआत की गयी है. ‘अंतरा’ एक गर्भ निरोधक इंजेक्शन है जिसे एक या दो बच्चों के बाद गर्भ में अंतर रखने के लिए दिया जाता है. इस तरह साल में चार इंजेक्शन दिया जाता है. ‘छाया’ गर्भ निरोधक टेबलेट है जिसका सेवन हर चार दिन में करना होता है. साथ ही एक महीने तक यह टेबलेट खानी होती है. साथ ही सरकार द्वारा अंतरा इंजेक्शन लगवाने पर लाभार्थी को 100 रूपये एवं प्रेरक को भी 100 रूपये दिए जाने का प्रावधान किया गया है.
प्रजनन दर में कमी है जरुरी: सैंपल रजिस्ट्रेशन सर्वे-2016 के अनुसार बिहार की कुल प्रजनन दर 3.3 है. जिसका अर्थ है कि राज्य में प्रति महिला बच्चों की संख्या 3.3 है. इस लिहाज से राज्य के प्रजनन दर में कमी लाना जरुरी है. इसमें कमी आने से प्रजनन स्वास्थ्य बेहतर होगा एवं जनसंख्या स्थिरीकरण के साथ मातृ मृत्यु दर कम करने में प्रभावी साबित होगा.

गर्भ निरोधक का इस्तेमाल नसबंदी से आसान : नसबंदी की तुलना में गर्भ निरोधक साधनों का उपयोग आसान एवं एक हद तक कुल प्रजनन दर को नियंत्रित करने वाला भी होता है. इसे नव दंपतियों की जागरुकता एवं सही जानकारी के सहारे आसानी से सुनिश्चित किया जा सकता है. पहले बच्चे के जन्म के बाद दूसरे बच्चे में लगभग 2 सालों का अंतराल माता के बेहतर स्वास्थ्य के साथ शिशु के उत्तम स्वास्थ्य के लिए जरुरी माना जाता है. इस अंतराल में माता का शरीर पुनः माँ बनने के लिए तैयार होता है

क्या कहते हैं आंकडें : राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के अनुसार जिले में 16 से 49 साल के आयु वर्ग की 9.2 प्रतिशत महिलाएं ही किसी सामान्य या नवीन गर्भ निरोधक साधन का इस्तेमाल करती हैं. जबकि केवल 0.3 प्रतिशत महिलाओं के द्वारा ही किसी गर्भ निरोधक गोली का इस्तेमाल किया जा रहा है.