बिल्डर की खामियों का परिणाम भुगतते दिव्यांश ओनेक्स के रहवासी

अमन गुप्ता की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद ,बमहेटा के पास बनी दिव्यांश ओनेक्स सोसायटी के रहवासी बिल्डर की खामियों के कारण लगातार डर के साये में रहने को मजबूर हैं। इसी सोसायटी के एक टावर डी-3 में रहने वाले बिपेंद्र झा बताते हैं कि बीते कुछ महीनों से सोसायटी में लगी ओटिस कंपनी की लिफ्ट्स लगातार फ्री-फॉल की समस्या से ग्रसित हैं, जिसके चलते यहां रहने वालों को प्रत्येक दिन समस्याओँ का सामना करना पड़ता हैं, बच्चे , बुजुर्ग बहुमंजिली इमारत में सीढ़ी से चढ़ने और उतारने के लिए मजबूर हैं , जब लिफ्ट का इस्तेमाल करते हैं तो डर बना रहता है कब लाइट जाएगी या नहीं भी जाएगी तो बिजली के प्रवाह में आई किसी खराबी से कब फ्री फाल होजाएगी पता नहीं?

6 नवंबर को हुई घटना का जिक्र करते हुए बिपेंद्र बताते हैं कि सुबह आठ बजे के लगभग उनकी पत्नी, बेटे को स्कूल के लिए छोड़ने के लिए नीचे जा रही थीं। इसके लिए उन्होंने लिफ्ट का प्रयोग किया, थोड़ी देर तक चलने के बाद लिफ्ट झटके के साथ बंद हो गई, सभी बटनों ने काम करना बंद कर दिया, कुछ देर के लिए लाइट और पंखे भी बंद हो गये। उसके बाद से बहुत तेजी के साथ नीचे के फ्लोर पर जाकर रुकी। इस पूरी घटना का वीडियो सी सी टीवी कमरे में कैद है और लगातार वायरल हो रहा है।

सोसायटी में रहने वाले एक और निवासी नाम न बताने की शर्त पर बताते हैं, “उनकी सोसायटी में चार टावर हैं, और हर टावर में दो लिफ्ट लगी हुई हैं। कोई भी दिन ऐसा नहीं होता जब किसी टावर में लिफ्ट को लेकर कोई समस्या न आए। कंपनी के इंजीनियर सोसायटी का चक्कर लगाते हैं पर क्या समस्या का समाधान करते यहीं यहाँ के रहने वालों को नहीं बताया जाता, रहवासियों की यह भी शिकायत है की बिल्डर ने लिफ्ट कंपनी से जबरन या पैसे देकर फिट्नस सर्टिफिकेट लिया है।

वह कहते हैं कि सोसायटी की लिफ्ट का यह हाल तब है जबकि यहां सभी लोग रह नहीं रहे हैं, जब सभी लोग रहने आ जाएंगे तब क्या होगा। वह बताते हैं के इस सोसायटी के हर टावर 22-23 फ्लोर के हैं, जिसमें किसी में आठ तो किसी में छह फ्लैट बने हुए हैं। सोचकर देखिए कि अगर लिफ्ट इस तरह से खराब होती रही तो कितने लोगों की जान पर बनी रहेगी। लिफ्ट का प्रयोग बहुत ज्यादा है और लिफ्ट की संख्या कम है।

सोसायटी के एक और निवासी बताते हैं कि इस तरह की यह चौथी पांचवीं घटना हैं जिससे लोगों को परेशान होना पड़ा है। इससे पहले एक और महिला के साथ भी बिल्कुल इसी तरह का हादसा हुआ था, जिसमें वह बेहोश तक हो गई थीं। उससे पहले एक बुजुर्ग के साथ भी यही हादसा हुआ था।

बिपेंद्र बताते हैं कि उनकी पत्नी और कुछ महिलाओं ने सोसायटी के मालिक से इसकी शिकायत भी की और इसे ठीक कराने की मांग कि जिस पर उन्होंने चलताऊ तरीके से, हां देखते वाला रवैया अपनाया, उनके इस रवैये का खामियाजा आज उन्की पत्नी और बेटे को भुगतना पड़ा। 

नई सोसायटी होने के कारण अभी यहां पर आरडब्लयूए का गठन नहीं हुआ है, और जबतक आरडब्लयूएन नहीं बनता है इसकी पूरी जिम्मेदारी सोसायटी के मालिक की है। इस सबंध में मालिकक क्षितिझ पाठक से बात करने की कोशिश की गई लेकिन उनका फोन नहीं उठा, उनसे बात होते ही उनका वर्जन भी अपड़ेट जोड़ दिया जाएगा।

एक और रहवासी बताते हैं की सोसायटी के फ्लेट खरीदारों को विगत वर्ष नवनम्बर दिसंबर से बिल्डर ने पूरे एक साल के अड्वान्स मेंटेनेंस की रकम की अदायगी के बाद हैन्डओवर कर तो दिया लेकिन सोसायटी में स्थायी रूप से बिजली का कनेक्शन नहीं आया , स्थायी बिजली के कनेक्शन के बारे में बिल्डर का बार बार कहना होता है आज -कल में आजाएगी और यहाँ के रहवासियों को काम चलाओ , दोयम दर्जे की सुविधा देकर अपना पैसा उगाने में बिल्डर व्यस्त है।

चूंकि बिजली स्थायी नहीं है इसलिए लिफ्ट कंपनी भी काभी हाई वोल्टेज तो काभी लिफ्ट में मिट्टी और गंदगी का बहाना बनाकर अपना समय निकाल रही है और यहाँ के रहवासी , फ्लेट के खरीदार अपनी जान की जोखिम और डर के साये में जीने को मजबूर हैं।