पोषण अभियान को बेहतर और कारगर बनाने के लिए दिए निर्देश

जिला एवं प्रखंड को समन्वय कार्य योजना पूर्व में करना होगा जमा कुपोषण प्रबंधन हेतु राज्य स्तरीय कुपोषण समिति का होगा गठन मॉडल आँगनवाड़ी केन्द्रों के निर्माण पर दिया जाएगा.
लहर-भभुआ -23 अप्रैल: पोषण अभियान को सफ़ल बनाने के लिए केंद्र के साथ राज्य सरकार भी गंभीर दिख रही है. इसके लिए अपर मुख्य सचिव समाज कल्याण विभाग की अध्यक्षता में आयोजित प्रथम राज्य स्तरीय समन्वयक बैठक के माध्यम से पोषण अभियान में तेजी लाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए गए.
बाल कुपोषण एवं एनीमिया में कमी लाना लक्ष्य: अपर मुख्य सचिव समाज कल्याण विभाग द्वारा जानकारी दी गयी है कि वर्ष 2017 से 2020 तक 0 से 6 वर्ष के बच्चों में नाटेपन, अल्प-वजन एवं जन्म के समय कम वजन के बच्चों के दर में प्रति वर्ष 2 प्रतिशत की दर से कमी लाने एवं 15 से 49 वर्ष की किशोरियों एवं महिलाओं की एनीमिया दर में प्रतिवर्ष 3% की दर से कमी लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

संबंधित विभागों के आपसी समन्वय से कुपोषण पर वार: कुपोषण अभियान को सफल बनाने के लिए जिला एवं प्रखंड स्तर पर स्वास्थ्य विभाग के साथ आईसीडीएस, शिक्षा विभाग, पीईएचडी, पंचायती विभाग एवं कृषि विभाग जैसे अन्य विभाग आपसी समन्वय के साथ कुपोषण को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं. पोषण अभियान के लक्ष्यों को ससमय प्राप्त करने के लिए प्रखंड एवं जिला समन्वय समितियों द्वारा वर्ष 2019-20 की कार्य योजना भी तैयार कर आईसीडीएस निदेशालय भेजने का निर्देश दिया गया है. इस कार्य योजना में उन्हें प्रति वर्ष के लक्ष्य को भी बताना होगा. साथ ही राज्य स्तर पर नियमित रूप से अभियान अंतर्गत समन्वय स्थापित करने के लिए सहभागी विभागों द्वारा नोडल अधिकारी मनोनीत करने का निर्देश दिया गया है.
जन आन्दोलन में तेजी लाने के निर्देश: पोषण अभियान के तहत जन आन्दोलन के माध्यम से सामुदायिक स्तर पर पोषण के विषय में जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है. इसके कुशल क्रियान्वयन के लिए संबंधित विभागों के पदाधिकारियों को प्रशिक्षण दिलाने की अनुशंसा की गयी है.
राज्य स्तरीय तकनीकी समिति का होगा गठन : बेहतर कुपोषण प्रबंधन के लिए राज्य स्तरीय तकनीकी समिति गठित की जाएगी. आईसीडीएस निदेशालय द्वारा राष्ट्रीय पोषण मिशन के अंतर्गत कार्यान्वित की जा रही पोषण गतिविधियाँ एवं राज्य अनुश्रवन समिति को तकनीकी सहयोग प्रदान करने के लिए राज्य स्तरीय तकनीकी समिति के गठन के निर्देश दिए गए.
मॉडल आँगनवाड़ीकेंद निर्माण पर ज़ोर: वर्तमान में आईसीडीएस निदेशालय द्वारा राज्य भर में 1000 आँगनवाड़ी केन्द्रों को मॉडल केन्द्रों में विकसित किया जा रहा है. इसके लिए इन केन्द्रों पर बिजली एवं शौचालयों की पूर्ण व्यवस्था की जाएगी. इन केन्द्रों को शीघ्र ही मॉडल केंद्र में तब्दील करने के लिए ग्रामीण विकास विभाग द्वारा सहयोग किया जाएगा. साथ ही मनरेगा के अंतर्गत आँगनवाड़ी केन्द्रों के निर्माण में आने वाली समस्याओं का उचित समाधान भी किया जाएगा.