डायरिया के खिलाफ़ जंग की होगी शुरुआत

28 मई से जिले में चलाया जाएगा सघन दस्त नियंत्रण पखवारा
आशा घर-घर जाकर बाटेंगी ओआरएस का पैकेट
सामुदायिक स्तर पर दस्त को लेकर फैलाई जाएगी जागरूकता

कटिहार/ 20 मई: गर्मी एवं बीच-बीच में बरसात होने से इन महीनों डायरिया से ग्रसित होने वाले बच्चों की संख्या बढ़ने लगती है. इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा 28 मई से 9 जून तक जिले में सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा चलाया जाएगा. सामुदायिक स्तर पर दस्त को लेकर लोगों को जागरूक करने की प्रमुख ज़िम्मेदारी आशाओं को दी गयी है. इस दौरान आशाएं घर-घर जाकर ओआरएस का पैकेट देंगी एवं लोगों को दस्त के विषय में जागरूक भी करेंगी.

पाँच वर्ष तक के बच्चे होंगे लक्षित : जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ एपी शाही ने बताया कि डायरिया से होने वाली शिशु एवं बाल मृत्यु दर में कमी लाने, सामुदायिक स्तर पर ओआरएस एवं जिंक की उपलब्धता को बढ़ाने एवं डायरिया प्रबंधन को मजबूत करने के उद्देश्य से जिले में सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा मनाया जाएगा. साफ़ सफाई से जुड़ी गतिविधियों के बारे में जागरूकता लाना भी इस पखवाड़े का अभिन्न अंग है. इसके लिए आशा अपने क्षेत्र के सभी पांच वर्ष से छोटे बच्चों के अभिभावकों को दस्त के बारे में जानकरी देंगी एवं इसके रोकथाम के लिए ओरल रिहाइड्रेशन सौलूशन (ओआरएस) पैकेट भी वितरित करेंगी.

डॉ. एपी शाही ने बताया कि जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर भी दस्त नियंत्रण एवं इसके रोकथाम के लिए काउंटर लगाकर प्रदर्शनी की जाएगी जिसमें लोगों को ओआरएस पैकेट एवं जिंक की दवा दी जाएगी. साथ ही संबंधित स्वास्थ्य केन्द्रों के एएनएम एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मी दस्त के लक्ष्णों एवं इसकी रोकथाम के विषय में लोगों को जागरूक करेंगे. उन्होंने बताया कि 45 फीट से कम गहरे बने हुए चापाकलों का पानी संक्रमित होता है. एवं इस पानी के सेवन करने से दस्त होने की संभावना बढ़ जाती है. इसलिए 45 फीट से अधिक गहरे बने हुए चापाकलों का ही पानी बच्चों को देना चाहिए. इसके अलावा संग्रहित पानी के जैविक संक्रमण को समाप्त करने के लिए क्लोरीन का इस्तेमाल करना चाहिए.

लक्ष्णों को नहीं करें अनदेखा: विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार बच्चों में 24 घंटे के दौरान तीन या उससे अधिक बार पानी जैसा दस्त आना डायरिया है. डायरिया जीवाणु व विषाणु संक्रमण के कारण तो होता ही है परंतु सबसे सामान्य कारण है प्रदूषित पानी, खान-पान मेँ गड़बड़ी और आंत मेँ संक्रमण. डायरिया से शरीर मेँ पानी की कमी हो जाती है जिसे डीहाईड्रेशन कहते हैं. इससे शरीर में कमजोरी आ जाती है और अगर समय पर इलाज न मिले तो पीड़ित की मृत्यु भी हो सकती है. डायरिया के ये लक्ष्ण अगर किसी बच्चे में दिखाई दें तो उसे तत्काल स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाना चाहिए –
पानी जैसा लगातार मल का होना
बार बार उल्टी होना
अत्यधिक प्यास का लगना
पानी न पी पाना
दस्त के साथ बुखार का होना
मल में खून आना

इन बातों का रखें विशेष ख्याल : बच्चा यदि दस्त से पीड़ित हो तो माता-पिता को इन बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए
दस्त की शुरुआत के साथ ही बच्चों को ओआरएस का घोल देना चाहिए एवं जब तक दस्त ठीक ना हो इसे देते रहना चाहिए
डायरिया ठीक होने के बाद भी बच्चों को 14 दिन तक जिंक की दवा देते रहना चहिए
6 माह तक के बच्चों में दस्त होने पर उन्हें अधिक से अधिक सिर्फ स्तनपान कराना चाहिए
माताओं को खाना खिलाने से पहले ख़ुद का हाथ साफ़ करने के साथ बच्चों के भी हाथ की सफाई जरुर करनी चाहिए

लहर डेस्क