लॉक डाउन के दौरान गर्भपात जैसी सुविधा नहीं मिली,अब परिवार नियोजन का कार्यक्रम शुरू किया स्वास्थय विभाग ने

a representative picture of family planning.

COVID-19 लॉकडाउन के पहले तीन महीनों में, 25 मार्च से 24 जून, 2020 तक अनुमानित 3.9 मिलियन गर्भपात का 47% है, जो सामान्य परिस्थितियों में इस अवधि में भारत में होने की संभावना थी, संभवतः समझौता किया गया। इसका मतलब है कि 1.85 मिलियन भारतीय महिलाएं एक अवांछित गर्भावस्था को समाप्त नहीं कर सकती हैं, IPAS डेवलपमेंट फाउंडेशन (आईडीएफ), भारत द्वारा आयोजित मई 2020 के मॉडलिंग अध्ययन का निष्कर्ष निकाला गया, जो एक गैर-लाभकारी है, जो अवांछित गर्भधारण को रोकने और प्रबंधित करने के लिए समर्पित है। अध्ययन में पाया गया कि 1.85 मिलियन महिलाओं में से 80% या 1.5 मिलियन महिलाओं ने समझौता गर्भपात फार्मेसी स्टोरों में चिकित्सीय गर्भपात दवाओं और नया साधनों के आभाव के कारण हुआ। यह आकलन आठ राज्यों में 509 सार्वजनिक क्षेत्र की सुविधाओं, 52 निजी-क्षेत्र प्रदाताओं, फेडरेशन ऑफ ऑब्स्टेट्रिक एंड गायनेकोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (FOGSI) के सदस्यों और विशषज्ञों की राय के साथ साथ  मेडिकल गर्भपात दवाओं के बिक्री आंकड़ों और दवा उद्योग विशेषज्ञों द्वारा प्रवृत्ति अनुमान पर आधारित है। एक और 20%, या लगभग 370,000 गर्भपात, सुविधाओं की कम पहुंच के कारण समझौता किए गए – 16% निजी स्वास्थ्य सुविधाओं तक कम होने के कारण और 4% सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के कारण। 2015 में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, 2015 में भारत में होने वाले अनुमानित 15.6 मिलियन गर्भपात में से, 73% दवाओं के माध्यम से हैं, जो बाहर की सुविधाओं, 16% निजी स्वास्थ्य सुविधाओं, सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में 6% और पारंपरिक असुरक्षित तरीकों से 5% हैं। लैंसेट। इंडियास्पेंड ने मई 2020 में बताया कि गर्भनिरोधक की कमी के कारण लाखों अनचाहे गर्भ, असुरक्षित गर्भपात और मातृ मृत्यु हो सकती हैं और सरकार के परिवार नियोजन कार्यक्रम में भी 20% तक की वृद्धि होने की संभावना है।

पूरी रिपोर्ट यहाँ पढ़ी जा सकती है

अब एक तरफ जहाँ बिहार के कई शहरों में 72 घंटे से अधिक के लिए पूर्ण रूप से लॉक डाउन लगा दिया गया है , वहीँ कई शहरों बढ़ते कोरोना की संख्या को देखते हुए लॉक डाउन लगाने की मांग तेज़ पकड़ रही है वहां अब एक बार फिर से बिहार सरकार जनसंख्या कण्ट्रोल के लिए मुख्य कार्यक्रम को शुरू करने की योजना बना रही है , प्रस्तुत है बिहार स्वास्थय विभाग द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति , आप खुद बताएं की एक और समस्तीपुर जैसे जिले के सदर अस्पताल में 11 डॉक्टर कोरोना पोजिटिव पाए जाने के बाद OPD बंद कर दिया जाता है वहां परिवार नियोजन जैसी सुविधाएं क्या आम जन को मिल पाएगी

संक्रमण काल में परिवार नियोजन की तैयारी शुरू, जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा का होगा आयोजन


• कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति ने पत्र लिखकर दी जानकारी
• 27 जून से 10 जुलाई तक चलेगा दंपति संपर्क पखवाड़ा
• “आपदा में भी परिवार नियोजन की तैयारी सक्षम राष्ट्र और परिवार की पूरी जिम्मेदारी” होगी थीम

विगत 10 वर्षों से 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जा रहा है। यद्यपि देश कोरोना संक्रमण के बीच में हैं, लेकिन प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं का प्रावधान न सिर्फ़ अनचाहे गर्भधारण को रोकने के लिए बल्कि मातृ और शिशु स्वास्थ्य कल्याण में भी महत्व रखता है। इसलिए विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर इस प्रतिकूल परिदृश्य में पूरे माह जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा को प्रखंड स्तर तक जारी रखने को लेकर अपर सचिव एवं मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, ने 26 जून को पत्र के माध्यम से निर्देशित किया था। इसको लेकर कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति, मनोज कुमार ने 3 जुलाई को सभी जिला पदाधिकारी, चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के निदेशक/ अधीकक्षक एवं सभी जिलों के सिविल सर्जन को इस संबंध में पत्र लिखकर जानकारी दी है। इस वर्ष के जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा का थीम “आपदा में भी परिवार नियोजन की तैयारी सक्षम राष्ट्र और परिवार की पूरी जिम्मेदारी” रखी गयी है।

दो चरणों में होगा आयोजन:
जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा का आयोजन दो चरणों में किया जायेगा। दंपति संपर्क पखवाड़ा 10 जुलाई तक चलेगा एवं 11 जुलाई से 31 जुलाई तक जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा का आयोजन होगा। सभी आयोजनों का संपादन कोविड-19 महामारी में दिए गए दिशानिर्देशों के अनुरूप होगा। राज्य स्वास्थ्य समिति ने पत्र में उल्लेख किया है कि जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा संचालन के संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी से तथा आशा का ऑनलाइन उन्मुखीकरण किया जाए ताकि वह जनसंख्या स्थिरीकरण की जरूरत सही उम्र में शादी, पहले बच्चे की देरी तथा बच्चों में सही अंतराल के बारे में आमजन के मध्य चर्चा कर मां और शिशु स्वास्थ्य को बेहतर कर सकें। फ्लेक्स एवं पोस्टर के माध्यम से भी प्रचारित करने के विषय में निर्देश दिए गए हैं।

सेवा प्रदायगी में संक्रमण रोकथाम पर सतर्कता:
पत्र में पखवाड़े के दौरान परिवार नियोजन सेवाओं के तहत प्रदान की जाने वाली आईयूसीडी(कॉपर टी), गर्भनिरोधक सुई, महिला एवं पुरुष नसबंदी आदि की सेवा प्रदान करने में विशेष रुप से सोशल डिस्टेंसिंग तथा इनफेक्शन प्रीवेंशन कंट्रोल का ध्यान रखने के निर्देश दिए गए हैं। पखवाड़ा को सफल बनाने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म को उपयोग करते हुए क्षेत्रीय सांसद, विधायक, पंचायती राज संस्था के सदस्य, शहरी स्थानीय निकाय, स्वास्थ्य कर्मियों एवं सिविल सोसायटी के सदस्य का सहयोग लेने की भी बात कही गयी है। साथ ही प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं।

दंपति सम्पर्क पखवाड़े में आयोजित होने वाली गतिविधियाँ:
दंपति संपर्क पखवाडा का आयोजन 27 जून से 10 जुलाई तक होगा। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए पखवाड़े को सफल बनाने के उद्देश्य से जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग के साथ अन्य संबंधित विभाग जैसे आईसीडीएस, समाज कल्याण विभाग, पंचायती राज विभाग, जीविका, महादलित विकास मिशन के जिलास्तरीय पदाधिकारियों के साथ बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि उनसे नियमित सहयोग प्राप्त हो सके। प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों को पखवाड़ा के आयोजन संबंधी सूचना एवं उनके क्षमतावर्धन के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग के आयोजन कराने की भी सलाह दी गयी है। इस दौरान योग्य दंपतियों से संपर्क कर उनका पूर्व पंजीयन कराने पर जोर देने की बात कही गयी है। पंजीयन के दौरान अस्थायी सेवा यथा माला एन, छाया, आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली अथवा कंडोम तत्काल उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया गया है। आशा एवं एएनएम को इच्छुक लाभार्थियों को महिला एवं पुरुष नसबंदी की सेवा प्रदान करने के लिए उनका पंजीयन कराने के साथ उन्हें निर्धारित दिन पर आमंत्रित करने एवं योग्य इच्छुक दंपतियों को परिवार नियोजन की अस्थायी सेवा( कॉपर टी, अंतरा इंजेक्शन इत्यादि) प्रदान करने के लिए उनकी पहचान करने के साथ नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर सेवा सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए हैं।

नसंख्या स्थिरता पखवाड़े में परामर्श के साथ मिलेगी परिवार नियोजन की सुविधा:
जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा का आयोजन 11 जुलाई से 31 जुलाई तक किया जाना है। इस दौरान गर्भनिरोधक के बास्केट ऑफ चॉइस पर इच्छुक दंपतियों को परामर्श दिया जाएगा। इसके लिए सभी स्वास्थ्य संस्थानों में परामर्श पंजीयन केंद्र स्थापित करते हुए परिवार कल्याण परामर्शी, दक्ष स्टाफ नर्स/ एएनएम द्वारा परामर्श दिए जाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा ओपीडी, एएनसी सेवा केंद्र, प्रसव कक्ष एवं टीकाकरण केंद्र पर भी कॉन्ट्रासेप्टिव डिस्प्ले ट्रे एवं प्रचार प्रसार सामग्रियों के माध्यम से परामर्श करते हुए इच्छुक लाभार्थी को परिवार नियोजन सेवा प्राप्त करने में सहयोग देने की बात भी कही गयी है। परामर्श पंजीयन केंद्र पूरे पखवाड़े के दौरान एवं आगे भी अस्थाई रूप से कार्य करेगा। इस दौरान मांग एवं खपत के अनुसार सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर आवश्यक मात्रा में गर्भनिरोधक की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी एवं कंटेंटमेंट जोन के बाहर क्षेत्रों में सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करते हुए गर्भनिरोधक का वितरण किया जाएगा।

इन गतिविधियों पर होगा विशेष जोर:
जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़े के दौरान गर्भनिरोधक की मांग पर प्रत्येक लाभार्थी को 2 माह तक का अतिरिक्त इच्छित गर्भनिरोधक सामग्री उपलब्ध कराया जाएगा ताकि लाभार्थी को बार-बार गर्भनिरोधक प्राप्त करने हेतु केंद्र नहीं आना पड़े। कंडोम बॉक्स में नियमित रूप से कंडोम भरा जाएगा एवं प्रत्येक दिन नियमित अंतराल पर कीटाणु रहित डिसइन्फेक्ट किया जाएगा। अंतरा एवं आयुसीडी(कॉपर-टी) की सेवा शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर सहित स्वास्थ्य उप केंद्र तक स्वास्थ्य कार्यों में सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही परिवार नियोजन ऑपरेशन हेतु शल्य कक्ष को पूरी तरह से इनफेक्शन प्रीवेंशन कंट्रोल गाइडलाइन के अनुसार तैयार किया जाएगा।