आयरन की कमी मुख्य कारण है किशोरियों में एनीमिया का

आयरन की कमी दूर करने के लिए आवश्यक है उसके कारणों एवं लक्षणों को जानना
मधेपुरा,1 फरवरी| आयरन एक खनिज है जो आपके शरीर में हीमोग्लोबिन बनाने में मदद करता है। यदि आपके शरीर में आयरन का स्तर गिरता है, तो आपकी लाल रक्त कोशिकाओं में पर्याप्त हीमोग्लोबिन नहीं होगा और इस प्रकार आपके शरीर में ऑक्सीजन ले जाने के लिए लाल रक्त कोशिकाओं की क्षमता कम हो जाती है। हीमोग्लोबिन फेफड़ों से ऑक्सीजन लेकर रक्त में ऑक्सीजन पहुंचाता है। इसलिए आयरन की कमी से शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है और हीमोग्लोबिन कम होने से शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। इसकी वजह से कमजोरी और थकान महसूस होती है, इसी स्थिति को एनीमिया कहते हैं। आप पीले हो सकते हैं और थके हुए महसूस कर सकते हैं। जिला पोषण समन्वयक अंशु कुमारी ने कहा कि किशोरियों को एनीमिया से ग्रसित होने से बचाने के लिए आवश्यक है कि उनके शरीर में आयरन की कमी न होने दिया जाय। किशोरियों को इस अवस्था में जब उनके शारीरिक-मानसिक विकास के लिए आवश्यक है कि उनके शरीर में रक्त की कमी न होने पाये|
आयरन की कमी का मुख्य कारण है उनके आहार में आयरन युक्त खाद्य पदार्थों का कमी होना-
किशोरियों में आयरन की कमी का मुख्य कारण है उनके आहार में आयरन युक्त खाद्य पदार्थों का कमी होना जैसे हरी पत्तेदार सब्जी, लाल रंग के फल, राजमा, बीन्स, पोल्ट्री उत्पाद, मांस, अण्डे, मछली आदि। एक बात और यहाँ आवश्यक है कि जब भी इस प्रकार के खाद्य पदार्थों के सेवन की बात कही जाती है तो यह समझा जाता है कि मात्र इसे ही खाना है ऐसा नहीं है बल्कि यह बताया जा रहा है कि आपने आहार में इन चीजों को शामिल करें। इन सब चीजों को अपने आहार में शामिल नहीं कर पाने के कारण ही किशोरियां एनीमिया की शिकार हो जाती हैं।
आयरन की कमी से कुछ लक्षण-
जिला पोषण समन्वयक अंशु कुमारी ने एनीमिया के लक्षणों के बारे में कहा कि आयरन की कमी के शुरुवाती लक्षण बहुत आम होते है। जिसे पहचान कर पाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। शरीर में आयरन की कमी बढ़ने लगती है, तो एनीमिया की शिकायत हो जाती है। आयरन की कमी से कुछ निम्न लक्षण दिखाई देते हैं।
- नाखून कमजोर होकर टूट जाना।
- सिरदर्द होना।
- चक्कर आना या सिर घूमना।
- कमजोरी महसूस होना।
- हाथ पैर ठंडे हो जाते है।
- अत्यधिक थकान महसूस होना।
- त्वचा में पीलापन आना।
- छाती में दर्द।
- सांस फूलना।
- मिट्टी के पदार्थो को खाने की इच्छा होना।
कोरोना काल में इन उचित व्यवहारों का करें पालन,-
- एल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का प्रयोग करें।
- सार्वजनिक जगहों पर हमेशा फेस कवर या मास्क पहनें।
- अपने हाथ को साबुन व पानी से लगातार धोएं।
- आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें।
- छींकते या खांसते वक्त मुंह को रूमाल से ढकें।