आत्म निर्भर बनने को प्रवासी श्रमिक मशरूम उत्पादन का ले रहे प्रशिक्षण

Report by: दीपक कुमार , समस्तीपुर
आज दिनांक 15 जून 2020 को डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा समस्तीपुर के तत्वाधान में एवं युवा सौर्य, बिशनपुर समस्तीपुर के सहयोग से समस्तीपुर प्रखंड में अखिल भारतीय मशरूम अनुसंधान परियोजना के अंतर्गत कोविड-19 आपदा के कारण घर वापस आए प्रवासी श्रमिक भाइयों के जीविका संवर्धन के लिए तीन दिवसीय ऑनलाइन मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण की शुरुआत हुई। प्रशिक्षण के उद्घाटन में डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ आर सी श्रीवास्तव, विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक डॉ मिथिलेश कुमार, मशरूम विभाग के परियोजना निदेशक दयाराम, जिला स्वयंसेवी संस्था संघ के सचिव संजय कुमार बबलू, नेहरू युवा केंद्र के जिला युवा समन्वयक अमित कुमार, लेखा लिपिक उमेश प्रसाद आदि ने उपस्थित प्रतिभागियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया।

प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए कुलपति ने सभी से कहा कि विश्वविद्यालय प्रवासी श्रमिकों के स्वरोजगार के लिए विभिन्न 17 विषयों पर प्रशिक्षण आयोजित कर रही है जिसमें एक स्वरोजगार का बहुत ही उत्तम माध्यम है मशरूम उत्पादन। प्रवासी श्रमिक मशरूम उत्पादन से कम लागत में स्वरोजगार अपना सकते हैं। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक डॉ मिथिलेश कुमार ने प्रशिक्षुओं का हौसला अफजाई करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के द्वारा पूरे वर्ष मशरूम की खेती की जा सके के लिए तरीकों का इजाद किया गयाहै जिसे अपनाकर प्रवासी श्रमिक अपनी जीविका को अपने घर पर ही सुदृढ़ कर सकते हैं। वहीं विश्वविद्यालय के परियोजना निदेशक दयाराम जी ने प्रशिक्षुओं को मशरूम के विभिन्न किस्में एवं उत्पादन के गुड सिखाएं। प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिभागियों को प्रशिक्षण की एकाग्रता एवं इसके उपयोग पर चर्चा करते हुए संजय कुमार बबलू ने कहा कि कोविड-19 महामारी के रोकथाम से उपजे आपदा की स्थिति में आप प्रवासी श्रमिक भाइयों के लिए यह ऑनलाइन प्रशिक्षण एक अनोखा माध्यम है और इस माध्यम से बेहतर प्रशिक्षण एवं इसकी उपयोगिता से सुदृढ़ स्वरोजगार का माध्यम बन सके इसके लिए आपका एकाग्र और स्थिर रहना आवश्यक है। नेहरू युवा केंद्र के जिला युवा समन्वयक अमित कुमार ने कार्यक्रम में युवाओं की भागीदारी एवं स्वरोजगार पर प्रसन्नता व्यक्त की एवं लेखापाल उमेश प्रसाद जी ने कहा कि युवाओं के स्वरोजगार के लिए मशरूम उत्पादन एक अच्छा माध्यम है।

आज दिन के 09:30 से दिन के 03 बजे तक ऑनलाइन चले इस प्रशिक्षण में दरियापुर एवं मोरदीबा गांव के 25 प्रवासी श्रमिक या उनके परिवार के सदस्य भाग ले थे । प्रतिभागी अपनी जीविका चलाने के लिए राज्य के बाहर लखनऊ, मुंबई, नासिक, नई दिल्ली इत्यादि में निर्माण कार्य के मजदूर व बेलदारी इत्यादि पर निर्भर हैं। ऐसे प्रवासी श्रमिक के स्वरोजगार के लिए शुरू हुआ यह प्रशिक्षण अगले दो दिनों तक दिन के 10:00 बजे से 3:00 बजे तक ऑनलाइन वीडियो कॉलिंग के माध्यम से जारी रहेगा है। प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षु ऑनलाइन माध्यम से ही अपने सवाल को भी पूछते हैं और अपनी दुविधा को समाप्त करते हैं और इस कार्य में विश्वविद्यालय के सूचना तकनीकी के विशेषज्ञ स्नेह संसार और अर्जुन कुमार महती भूमिका निभा रहे हैं वही मशरूम के तकनीकी अधिकारी मुकेश कुमार एवं मशरुम विभाग के अन्य कर्मी सुभाष कुमार, रवि, मुन्नी इत्यादि के सहयोग से यह प्रशिक्षण जीवंत हो रहा है और प्रशिक्षु मशरूम उत्पादन का सफलता पूर्वक प्रशिक्षण ले रहे हैं। कार्यक्रम आयोजन के सन्दर्भ में बात करते हुए युवा सौर्य के सचिव दीपक कुमार ने बताया कि कार्यक्रम के सफल आयोजन एवं संयोजन में मशरूम निदेशालय के निदेशक डॉ वी पी शर्मा का सहयोग मूल्यवान है क्योंकि ऐसे प्रशिक्षण से प्रवासी श्रमिक मजदूर से उद्यमी बन सकते हैं।