आंगनवाडी केंद्र का हुआ कायाकल्प, लोगों का बढ़ रहा केंद्र की तरफ रुझान

ग्रामीण क्षेत्रों में पोषण एवं स्वास्थ्य के मानकों में सुधार लाने में आंगनवाडी केन्द्रों की भूमिका अहम् मानी जाती है। ऐसे में आंगनबाड़ी केन्द्रों में गुणवतापूर्ण सुविधाओं की उपलब्धता अधिक से अधिक लाभार्थियों को जोड़ने में सहायक साबित होती है। इसी क्रम में भोजपुर जिले के सन्देश प्रखंड के बागा पंचायत स्थित आंगनवाडी केंद्र संख्या- 108 का भी कायाकल्प किया गया है। जिससे आम लोगों में इस केंद्र के प्रति रुझान बढ़ा है। इस केंद्र का मॉडल केंद्र में तब्दील होने पर बच्चों के साथ गर्भवती एवं धात्री माताओं की शत-प्रतिशत उपस्थिति संभव हो रही है।
सुविधाओं का रखा गया ख्याल: आंगनवाडी केंद्र संख्या- 108 को एक मॉडल आंगनवाडी केंद्र के रूप में विकसित किया गया है। केंद्र की बनावट तथा सुविधाओं को पूरी तरह से लाभार्थियों एवं खासकर बच्चों को ध्यान में रखकर किया गया है। केंद्र की सजावट को बच्चों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न रंगों से सुरुचिपूर्ण ढंग से किया गया है। बच्चों की रुचि का ध्यान रखते हुये केंद्र की दीवारों पर रंगीन चित्र बनाए गए हैं। जगह-जगह दीवारों पर पोषण से संबंधित सचित्र संदेश भी बनाए गए हैं, जो बच्चों एवं महिलाओं के लिए आकर्षण का केंद्र साबित हो रहा है। साथ ही केंद्र पर आने वाले लाभार्थियों के लिए नर्म दरी की भी व्यवस्था की गयी है।
बच्चों को दिये गए आकर्षक बैग: बच्चों को पढ़ने के प्रति रुचि बढ़ाने का भी प्रयास किया गया है। इसके लिए सभी बच्चों को रंगीन बैग उपलब्ध कराये गए हैं जिनपर आकर्षक चित्रकारी की गयी है तथा उनकी पढ़ाई के लिए रंगीन टेबल भी बने हैं। इससे बच्चे उत्साहित होकर नियमित आंगनबाड़ी केंद्र आ रहे हैं।
स्वच्छता पर दिया गया है ज़ोर: बच्चों के लिए साफ़ व हवादार शौचालय की व्यवस्था की गयी है। हाथ धोने के लिए 4 नलकूप लगाये गए हैं। शौचालयों की नियमित साफ-सफाई की भी व्यवस्था की गयी है। केंद्र के प्रत्येक कमरे में कूड़ादान भी लगाया गया है ताकि केंद्र को साफ-सुथरा बनाया जा सके।
मध्याह्न भोजन को लजीज बनाने की पहल: केंद्र की सेविका विशाला राय ने बताया बच्चों को परोसा जाने वाला जरूरी पोषण को ध्यान में रखकर एवं पूरी साफ़ सफाई के साथ बनाया जाता है। केंद्र की रसोई हमेशा स्वच्छ रहती है तथा भोजन पकाने वाले बर्तन की सफाई पर ध्यान दिया जाता है। साथ ही भोजन को लजीज बनाने का भी प्रयास किया जाता है।
पुरुषों में भी बढ़ा रुझान: पर्यवेक्षिका प्रीती कुमारी ने बताया क्षेत्र के पुरुषों में भी इस आंगनवाडी केंद्र के प्रति उत्साह में बढ़ोतरी हुयी है। जिसके कारण वह अपने घर की महिलाओं एवं बच्चों को केंद्र नियमपूर्वक जाने को प्रोत्साहित करते हैं। क्षेत्र के पुरुष भी केंद्र पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं तथा साफ़ सफाई व रख रखाव में सहयोग करते हैं। किसी विषय पर अगर पुरुषों को अच्छी व सटीक जानकारी होती है तो वे सेविका के सहयोग से लाभार्थियों से साझा करते हैं तथा हर प्रकार की मदद को हमेशा तैयार रहते हैं।
आयोजनों में बढ़ी है लाभर्थियों की सहभागिता : मॉडल केंद्र बनने के बाद केंद्र में होने वाले आयोजनों में लाभार्थियों की सहभागिता बढ़ी है। अन्नप्रासन, गोदभराई, पोषक तत्व वितरण एवं पोषण बैठक जैसे अन्य आयोजनों में पहले से अधिक लाभार्थियों की सहभागिता बढ़ी है। इसके कारण पोषण पर जागरूकता बढ़ाने में सफलता मिल रही है। इस बदलाव को जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा भी प्रशंसा प्राप्त हो रही है।