कल्पना- मरु एकता हॉस्टल से मेडिकल कॉलेज तक

राजस्थान के बीकानेर जिले के एक दूरस्थ सीमावर्ती गाँव की लड़की, कल्पना के लिए डॉक्टर बनने का सपना कभी आसान नहीं था। जब वह सिर्फ आठ साल की थी, तभी उसने अपने पिता को खो दिया। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण उसकी शिक्षा जारी रखना एक बड़ी चुनौती बन गया।

लेकिन मरु एकता हॉस्टल ने कल्पना का साथ दिया। उरमुल सीमांत समिति द्वारा बज्जू परिसर में फार्म इंडिया फाउंडेशन के सहयोग से चलाए जा रहे इस हॉस्टल ने न केवल उसे एक बेहतर शैक्षिक माहौल दिया, बल्कि मानसिक, शैक्षिक और आर्थिक रूप से निरंतर समर्थन भी प्रदान किया। यहाँ रहकर उसने खुद को सँवारा, कठिन परिश्रम किया और अपने सपनों को पंख दिया।

आज कल्पना बारहवीं कक्षा की विज्ञान संकाय की छात्रा है और मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रही है। उसकी आँखों में आत्मविश्वास की चमक और दिल में अपने गाँव की सेवा करने का दृढ़ संकल्प है। वह न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे गाँव और समाज के लिए एक प्रेरणा बन गई है।

कल्पना का सपना सिर्फ उसका नहीं, बल्कि उन सैकड़ों लड़कियों की उम्मीदों का प्रतीक है, जो सीमित संसाधनों के बावजूद ऊँचाइयों को छूने का साहस रखती हैं। मरु एकता हॉस्टल प्रयासरत है कि हर कल्पना को अवसर मिले और हर सपना अपने पंख फैला सके! कल्पना ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं और लड़कियों के लिए एक मिसाल साबित हो रही है और ऐसे मैं समाजिक संस्थान की जरूरत भी महसूस होती है जो न केवल सीमित संसासधनों में ऐसे गरीब बच्चों को उनके सपनों को पूरा करने का मौका देती है बल्कि उसे ऊंचाईयों तक पहुँचने में पूरा सहयोग भी करती है।

लेखक – अनीस आर खान
सीनियर मैनेजर, नॉलेज एवं कम्युनिकेशन
उरमुल सीमांत, बज्जू, बीकानेर, राजस्थान