जामिया को ‘एनवायरनमेंट फ्रेंडली सीमेंट’ को ऑस्ट्रेलियाई पेटेंट मिला

लहर डेस्क
जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया है कि विश्वविद्यालय के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. इबादुर रहमान द्वारा एवं एएमयू के अन्य शोधकर्ताओं के साथ एक पर्यावरण अनुकूल सीमेंट को आविष्कार पेटेंट कार्यालय, ऑस्ट्रेलिया सरकार द्वारा बौद्धिक संपदा के रूप में पेटेंट प्रदान किया है। ये जामिआ और देश के लिए गर्व की बात है कि विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने देश के दूसरे शोध करने वालों के साथ इस तरह का पर्यावरण अनुकूल सीमेंट का अविष्कार किया है।
डॉ. रहमान और उनके सह-आविष्कारक एएमयू से प्रो मोहम्मद आरिफ , प्रो. अब्दुल बकी , डॉ. एम. शारिक , इंजी. मोहम्मद जमाल अल- हागरी, इंजी. आमेर सालेह अली हसन द्वारा किए गए ‘ए मेथड फॉर प्रिपेयरिंग मॉडिफाइड सीमेंट एंड एवेल्युटिंग मैकेनिकल एंड केमिकल प्रॉपर्टीज’ शीर्षक आविष्कार का मुख्य उद्देश्य है कार्बन एमिस्सन को कम करना है। डॉ. रहमान ने कहा, “निर्माण और अन्य उद्योगों को हरित क्रांति से गुजरने की सख्त जरूरत है-दूसरे शब्दों में, उद्योगों को पर्यावरण के अनुकूल सामग्री को अपनाने और पेश करने की जरूरत है।”
आविष्कारकों ने कहा-“यह आविष्कार कंक्रीट मिक्स के यांत्रिक गुणों पर दो एडिटिव्स के संयोजन में माइक्रो-सिलिका फ्यूम, नैनो -सिलिका फ्यूम और फ्लाई ऐश के साथ सीमेंट प्रतिस्थापन के प्रभाव पर केंद्रित है । सूक्ष्म और नैनो- सिलिका धुएं का संयोजन कंक्रीट के यांत्रिक गुणों में सुधार करता है और अंततः घने और कॉम्पैक्ट संरचना के साथ छिद्र भरने के कारण कंक्रीट के रूपात्मक गुणों में संशोधित कंक्रीट शो के सूक्ष्म संरचना और रासायनिक विश्लेषण में सुधार होता है ” |
डॉ. रहमान अपने पीएचडी शोध के दौरान पिछले आठ वर्षों से नैनो आधारित संशोधित सीमेंट और कंक्रीट कंपोजिट के क्षेत्र में काम कर रहे हैं । डॉ. रहमान के नाम अब दो पेटेंट हैं। पिछले साल सितंबर, 2020 में डॉ. रहमान को पेटेंट कार्यालय, भारत सरकार द्वारा बौद्धिक संपदा में “हाई स्ट्रेंथ सीमेंटिटियस नैनोकम्पोजिट कंपोजिट एंड द मेथड्स ऑफ द ही” शीर्षक से पेटेंट प्रदान किया गया था। उम्मीद है ऐसे शोध से देश और दुनिया में पर्यावरण को कम करने में मदद मिलेगी और कार्बन उत्सर्जन को नियंत्रित किया जा सकेगा।