CAA पर सरकार के ब्यान और और विरोध के क्रोनोलोजी को समझिए

#ShaheenBagh- सुल्तान अहमद

देखिए पटना का शाहीन बाग, पटना ही क्या देश में 50 से ज्यादा शाहीनबाग बन चुका है केवल दिल्ली में ही 3 से ज्यादा ,कुरेजी, तुर्कमान गेट, खुरजी खास, सीलमपुर और अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा। इस पूरे संदर्भ में समझिए और क्रोनोलॉजी पर गौर फरमाइए। पहले जब गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में CAB लाया अगले दिन दिल्ली में जंतर मंतर पर प्रोटेस्ट हुआ, राज्यसभा से पास होने पर एहतेजाज और बुलंद हुआ। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद CAA बना तब #जामिया मिल्लिया इस्लामिया से छात्रों ने प्रोटेस्ट निकाला और फिर पुलिस का नंगा नाच हुआ, उसी शाम #शाहीनबाग बना , स्थानीय निवासी सामूहिक रूप से बैरिकेड को अपने लिए सुरक्षा कवच बनाया और पब्लिक प्रोपर्टी पर कब्ज़ा कर एहतेजाज के लिए महिलाओं ने कमान संभाला। जब प्रधानमंत्री ने रामलीला मैदान से CAA और NRC पर अपना मुँह खोल और एक बार फिर जनता को गुमराह किया सफेद झूठ बोला, अपने गृह मंत्री के बयान से मुकर गए, तब कानपुर, पटना, गया, मुंगेर,कोलकत्ता, केरल, आंध्र प्रदेश में लाखों लोग सड़क पर आए और 50 से ज्यादा #शाहीनबाग बना .

यूपी में विरोध प्रदर्शन हुए पुलिस की गोलियों से 23 से ज्यादा बे कसूर लोगों की मौत हुई और फिर सरकार अपने निकम्मे पन का ठीकडा नागरिकों पर फोड़ा। फिर देश के विभिन्न बिचारों के माने वाले, धार्मिक गरुओं, बुद्धि जीवियों,कलाकारों, शिक्षकों, छात्रों और कामकाजी नौजवान विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों और नागरिकों के सार्थन में दुनिया भर में विरोध दर्ज कराया , विरोध के स्वर काफी मजबूत हुए , विरोध की तख्तियों, झंडे, पोस्टर, नारे, गीत, फ़िल्म, दीवारों पर रंगीन कलाकारियाँ नजर आयी। और अब जब लखनऊ में गृहमंत्री ने कहा जिसे जितना विरोध करना है करे CAA वापस नहीं होगा तब गली मोहल्ले , नुक्कड़, चौराहे,शाहीन बाग बन गए। लखनऊ का घंटा  घर  24 घंटे प्रदर्शन स्थल में तब्दील होगया , सरकार कुछ न कर पाई तो महिलाओं के खिलाफ FIR दर्ज करने लगी ।

देखते जाइये कैसे पूरा देश #पुनर्जागरण का गवाह बनता है, इस पुनर्जागरण का श्रेय देश के वंचितों, मज़दूरों और महिलाओं को जाता है, देश यही वर्ग बनाता है और चलाता है इसलिए इनके समर्थन में आना वाला हर एक सख्श राष्ट्रवादी और सरकार के सर्मथन में आने वालों को चमचा , गुलाम या राष्ट्र द्रोही मान सकते है। क्यों की जो विरोध हो रहा है वो संविधान की मूल भावना को बचाने की है और जो सरकार के समर्थन में रैली निकाल रहे हैं वो संविधान की मूल भावना को वरवाद करने, समानता और समता के अधिकार की अवहेलना और इसके साथ छेड़ छाड़ के समर्थन में, इसलिए आप खुद तय करें आप किधर खड़े हैं।

#RejectCAA #RejectNRC #RejectNPR