सिटीजन्स फोरम और अन्य मज़दूर यूनियन ने किया विरोध प्रदर्शन

‘सिटीजन्स फोरम’ ने किया बुद्ध स्मृति पार्क पर प्रदर्शन काम के घण्टे में बढ़ोतरी वापस लो, गरीबों को राशन मुहैया कराओ, चिकित्साकर्मियों को उपकरण दो,
पटना, 22 मई। नागरिक सरोकारों के लिए प्रतिबद्ध संगठन ‘ सिटीजन्स फोरम” की ओर से पटना के नागरिकों का विरोध प्रदर्शन बुद्ध स्मृति पार्क के पास किया गया। खासी संख्या में पटना के नागरिक, सामाजिक कार्यकर्ता, मज़दूर, महिलाएं, संस्कृतिकर्मी सहित समाज के हर क्षेत्र के लोग व प्रतिनिधि मौजूद थे।
“सिटीजन्स फोरम’, पटना द्वारा कोरोनावायरस संक्रमण जनित महामारी के कारण केन्द्र सरकार द्वारा लागू किये लॉकडाउन की अवधि में मजदूरों- मेहनतकशों तथा जनता के अन्य हिस्सों द्वारा झेली जा रही तकलीफों व परेशानियों के प्रति सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए ये विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया।
बुद्ध स्मृति पार्क के पास 10 से 11 बजे तक हुए इस विरोध प्रदर्शन में प्रतिभागियों द्वारा तख्ती, पोस्टर, प्लेकार्ड लेकर इकट्ठा हो गए। नारे लगाए जाते रहे, कविताएं पढ़ी जाती रहीं तथा बीच बीच मे प्रतिनिधियों द्वारा उपस्थित समूह को संबोधित किया जाता रहा।
प्रमुख मुद्दों में थे खाद्य तेल, नमक, चीनी, मसाले तथा अन्य आवश्यक खाद्य सामग्रियों के वितरण को सुनिश्चित करना, , कोरोना महामारी से निपटने के लिये चिकित्सा सुविधाओं को तेजी से बढ़ाना, कोरोना से संक्रमित लोगों की पहचान के लिए प्रखंड स्तर तक जांच केन्द्र स्थापित करना, प्रखंड स्तर के सरकारी अस्पतालों में आई.सी.यू., वेंटिलेटर एवं कोरोना आईसोलेशन वार्ड की स्थापना, मरीजों के इलाज में लगे तमाम डाक्टरों तथा अन्य चिकित्सा कर्मियों के लिए पर्याप्त मात्रा में व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पी.पी.ई) की व्यवस्था प्रदान करना।

इसके साथ साथ ‘ सिटीजन्स फोरम’ तमाम जरूरतमंद मजदूरों, मेहनतकशों, गरीबों एवं अन्य लोगों को भुखमरी और कुपोषण से बचाने के लिए अविलम्ब पर्याप्त मात्रा में गुणवत्तापूर्ण राशन सामग्री तथा हर परिवार को 12000 रू. नगद राशि राहत के रूप में मुहैया कराने , राशन सामग्री के लिए जन वितरण प्रणाली को सार्वभौम करते हुये कम-से-कम 35 किलो अनाज, 2.5 किलो दाल, 2 लीटर खाद्य तेल, नमक, चीनी, मसाले तथा अन्य आवश्यक खाद्य सामग्रियों के वितरण को सुनिश्चत करने संबंधी मांगे उठाई गई , श्रम कानूनों मे किए गए सभी पूंजीपक्षी सुधारों को वापस लिया जाए।
श्रम कानून में संशोधन कर निजी क्षेत्र के उद्योगों में कामगारों के लिए 12 घंटे के कार्य दिवस के प्रावधान को अविलंब वापस लिया जाए तथा पहले के 8 घंटे के कार्यदिवस को बरकरार रखा जाये।
शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के तमाम जरूरतमंद कामगारों के लिए समुचित रोजगार की उपलब्धता की गारंटी की जाए। मनरेगा मजदूरों के लिए साल में कम-से- कम 200 दिनों के काम की व्यवस्था की जाए और उन्हें रोज 400 रूपये की दर से मजदूरी का भुगतान किया जाए।
लगभग एक घण्टे तक चले इस विरोध प्रदर्शन में शामिल प्रमुख लोगों में थे साधना मिश्रा, अजय कुमार सिन्हा, नन्दकिशोर सिंह, रवींद्र नाथ राय, निवेदिता झा, रूपेश, नरेंद्र कुमार, मणिकांत पाठक, गणेश शंकर सिंह, मोना झा, जयप्रकाश ललन, संजय श्याम, अनीश अंकुर , आदित्य कमल, कृष्ण मुरारी, , राज कुमार चौधरी, राकेश कुमुद, सुमन्त शरण, इंद्रजीत, सौजन्य उपाध्याय, कंचन, राजकुमार शाही, निकोलाई शर्मा, ऋत्विज, नागेश्वर , रामलखन यादव सहित ढेरों की संख्या में प्रमुख मौजूद थे।
दूसरी तरफ बिहार के समस्तीपुर और मुंगेर में अन्य विपक्षी दलों के समर्थक मज़दूर यूनियन ने भी विरोध प्रदर्शन किया , सभी की मान एक सामान थी – एक नज़र इन प्रदर्शन पर डालें.
आज मुंगेर के कार्यानंद भवन में बाम एवं जनवादी मजदूर संगठन का संयुक्त धरने का आयोजन किया गया जिसमें प्रवासी मजदूरों के साथ हो रहे बुरे व्यवहार और मजदूरों के हितों के ऊपर जो हमला हो रहा है उसके खिलाफ जो माहोल बन रहा है। उस पर चर्चा हुई। अपने संबोधन में एआईयुटियुसी के राज्य अध्यक्ष ने कहा की सरकार बात आत्मनिर्भरताकी करती है पर सारे स्वदेशी सरकारी कम्पनियोंको बेचने.पर लगी हुई है यह धरना केंद्रीय श्रमिक संगठनों द्वारा संयुक्त आवाह्न पर आयोजित किया गया। मजदूर विरोधी और जनविरोधी हमलों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी विरोध दिवस जिले भर में अलग अलग अंचलों में भी मनाया गया। धरने की प्रमुख मांगे निम्नलिखित हैं :- (क) फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों को उनके घर तक सुरक्षित पहुंचाया जाए तथा तत्काल उन्हें राहत सामग्री दी जाए। (ख) पैदल / वाहन से चल रहे सभी प्रवासी मजदूरों को भोजन-पानी-दवा व अन्य जरूरी सेवाएं दी जाए। (ग) सभी मजदूरों को लॉक डाउन अवधि की मजदूरी भुगतान सुनिश्चित की जाए एवं उनका रोजगार सुरक्षित करने की गारंटी की जाए। (घ) पंजीकृत या अपंजीकृत या स्वनियोजित सभी असंगठित श्रमिकों को नकद प्रतिमाह 10 हजार रुपया हस्तांतरित किया जाए। (ड.) केंद्र सरकार के कर्मचारियों का डीए (महंगाई भत्ता) और पेंशनरों का डीआर (महंगाई राहत) फ्रीज करने का आदेश वापस लिया जाए। (च) लाइव स्वीकृत पदों के आत्मसमर्पण या खात्में को रोका जाए। (छ) कोरोना मुक्ति में लगे डॉक्टर सहित नर्स, आंगनवाड़ी, आशा, पुलिस कर्मी, सफाई कर्मी, परिवहन कर्मी को 50 लाख का बीमा दिया जाए। (ज) कार्य अवधि 8 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे किए जाने का निर्णय वापस ली जाए (झ) श्रम कानूनों हो शिथिल करने का फैसला वापस लिया जाए। यह संयुक्त मंच शारीरिक दूरी बनाए रखने के मानदंडों का पालन करते हुए राष्ट्रव्यापी विरोध आयोजित किया गया धरने में CPI जिला सचिव कां दिलीप , संजिवन जी , AITUC राज्य कार्यकारिणीके सदस्य अमरनाथ, रतन मंडल, रामविलास मंडल, AIUTUC के.राज्य अध्यक्ष प्रमोद कुमार , रविन्द्र मंडल, CITU रामनगीना पासवान , डी पी राय, TuCc देवेंद्र शर्मि परमानंद शर्मा निजीकरण विरोधी मोर्चा के युगल किशोर यादव, चांदसी पासवान, INTUC से सलाम शावरी, एक्टू से रंजन कुमार, SUCI विकाश कुमार, पंकज प्रीतम, आरजेडी से महिनगर प्रवक्ता शिवशंकर शर्मा मौजूद थे .
समस्तीपुर : क्वारंटीन सेंटर के मृत रसोईया के परिजन को 50 लाख रुपये मुआवजा की मांग पर माले का धरना समस्तीपुर 22 मई 2020 डा० एलकेवीडी कालेज ताजपुर क्वारंटीन सेंटर के मृत रसोईया उमेश महतो के परिजन को 50 लाख रूपये मुआवजा देने, कोरोना की आड़ में श्रम कानूनों में बदलाव बंद करने, लाकडाउन और कवरंटाइन सेंटर में मज़दूरों की बदहाली और राहत कार्य में धांधली के खिलाफ केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के राष्ट्रव्यापी प्रतिवाद के आह्वान पर मुख्यालय के विवेक- विहार मुहल्ला स्थित अपने आवास पर भाकपा माले के बैनर तले माले नेता सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने दो घंटे का एकजुटता धरना दिया. इस अवसर माले नेता ने एक्टू समेत अन्य ट्रेड यूनियनों की मांग- 12 घन्टे का कार्यदिवस और श्रम कानूनों को 3 साल के लिए निलंबित करने का आदेश वापस लेने, क्वारंटाइन सेंटरों के नाम पर यातनागृह चलाना बन्द करने, राहत कार्य में धांधली रोकने, सभी पंचायतो में सभी को मास्क, सेनिटाइजर उपलब्ध कराने, सभी जगह ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव सुनिश्चित करने, सभी मज़दूर परिवार को 10,000 रुपये नगद राहत पैकेज में शामिल करने, बिना राशनकार्ड वालों को भी राशन देने, राशनकार्ड में आधार की अनिवार्यता ख़त्म करने, सभी मनरेगा मज़दूरों को 200 दिन का काम और 500 रुपया मजदूरी और सभी जरूरतमंदों को जॉबकार्ड देने, मेहनतकश जनता के लिए सामाजिक , आर्थिक व स्वास्थ्य सुरक्षा अधिकार बहाल करने, प्रवासी मजदूरों , निर्माण व असंगठित कामगारों तथा फुटपाथ दुकानदारों रिक्शा- ठेला चालकों का प्रतिमाह 50 किलो अनाज देने समेतअन्य मांग केंद्र सरकार से की.