सरकारी आदेश का नहीं हो रहा पालन, राशन कार्ड रहने के बावजूद नहीं मिल रहा राशन

समस्तीपुर(जकी अहमद)

एक ओर जहां सरकार गरीब, असहाय और मजदूरों को मुफ्त खाद्यान्न मुहैया कराने के लिए नया राशन कार्ड बनाने की मुहिम चला रही है वहीं, दूसरी ओर समस्तीपुर शहर के वार्ड संख्या -11 काशीपुर मुहल्ले के निवासी राशन कार्ड रहने के बाद भी खाद्यान्न से वंचित हैं। राशन कार्ड लेकर ग्रामीण डीलर और प्रखंड का चक्कर लगा रहे हैं, बावजूद राशन नहीं मिल रहा है, नतीजतन ये गरीब और असहाय लोग को दाने-दाने को मोहताज हैं।सीता देवी, ललित कुमार, गीता शर्मा, विनोद शर्मा, प्रवीण शर्मा, लाल बहादुर शर्मा, चंदन पासवान सहित इस इलाके के दर्जनों लोगों ने अपना राशन कार्ड दिखाते हुए कहा कि हमारे मुहल्ले के लोगों को राशन नहीं मिल रहा है। एक राशन कार्डधारी सुनीता देवी ने बताया कि यह मुहल्ला मुख्य रूप से दलित और अति पिछड़े लोगों का है। हम लोगों के जीविका का एकमात्र साधन मजदूरी है। हमारे घर के पुरुष अन्य प्रदेशों में काम करते थे। लॉकडाउन की स्थिति में वे घर आ गए। हमलोगों को खाने के लाले पड़ गए। इसके बाद हम लोगों ने राशन कार्ड खोजना प्रारंभ किया। ऑनलाइन प्रिट कराने पर पता चला कि नए राशन कार्ड का आवेदन हो रहा है। ऑनलाइन से हम लोगों ने राशन कार्ड आवेदन कराया और उसके बाद महीनों कई ऑफिस का चक्कर लगाया। तब जाकर अभी राशन कार्ड मिला है। इसके बाद भी डीलर राशन देने से टाल-मटोल और इंकार कर रहा है।ये कार्डधारी कार्ड पर अपना अनाज लेने के लिए संबंधित डीलर के यहां चक्कर लगा रहे हैं। डीलर यह कह कर उन्हें वापस कर दे रहे हैं कि उनके कार्ड पर अनाज देने के लिए आपूर्ति विभाग से अभी तक न तो कोई आदेश आया है और न अनाज का आवंटन ही मिला है,वहीं नगर परिषद से मिले नए राशन कार्ड में कई तरह की त्रुटियां भी है। इस कारन भी राशन कार्डधारी परेशाान हैं। वे त्रुटियों में सुधार के लिए नगर परिषद कार्यालय से अनुमंडल कार्यालय और समस्तीपुर प्रखंड कार्यालय तक का लगातार चक्कर लगानेे को विवश हैं। नगर परिषद कार्यालय के अधिकारी व कर्मी उन्हें अनुमंडल कार्यालय भेज देते हैं और अनुमंडल कार्यालय के बाबू समस्तीपुर प्रखंड कार्यालय भेज दे रहे हैं।

विश्वस्तरीय कोरोना महामारी और अत्यधिक वर्षात और कीचड़ के कारण,चारो तरफ बाजार से लेकर गांव तक बकरीद पर्व की रौनक काफी फीकी देखी गयी !

इस बार की बकरीद पर्व अपने-अपने घर पर हीं सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर मनाई गई!

ताजपुर/समस्तीपुर (अब्दुल कादिर)

विश्वस्तरीय कोरोना महामारी को लेकर लगाए गए लॉक डाउन साथ हीं अत्यधिक वर्षात के कारण चारो तरफ कीचड़ एवं पानी हीं पानी। इस कारण इस वर्ष ताजपुर प्रखंड क्षेत्र में बाजार से लेकर गांव तक बकरीद पर्व की रौनक काफी फीकी देखी गयी।फिर भी कोरोना संकट को देखते हुए क्षेत्र के मुसलमानो भाइयो ने सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर पूरे सिद्दत के साथ बकरीद यानी ईद-उल-अजहा की जश्न मनाया। इसवार कोरोना महामारी में लोगों ने अपनी और दूसरों की ज़िंदगी बचाने की खातिर मस्जिद/ईदगाह में भीड़ जमा न कर कुर्वानी का मिशाल पेश किया। शनिवार को सुबह होते हीं बूढ़े,जवान,बच्चों ने साफ-पाक होकर नए कपड़े पहनकर अपने-अपने घर पर हीं सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर बकरीद यानी ईद-उल-अजहा की नमाज अदा किया। साथ हीं दुआ किया कि इस कोरोना महामारी से पूरी दुनिया को जल्द से जल्द निजात दिलायें । नमाज के बाद जानवरो की कुर्बानी दी। लॉक डाउन के कारण लोग अपने-अपने दोस्तो,सगा सम्बन्धित, रिश्तेदारों को मोबाइल फोन पर हीं एक-दुसरे को भाईचारे और शांति का संदेश दिया। पूरे क्षेत्र में कहीं से कोई अप्रिय घटना घटने की सूचना नही मिली, इसके लिए बंगरा थानाध्यक्ष अनिल कुमार एवं ताजपुर थाना अध्यक्ष शम्भू नाथ सिंह ने अपने-अपने मुस्लिम बहुलिय क्षेत्र में सुरक्षा का पुख्ता इंतेजाम किये हुए थे, इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार इस वर्ष भी बकरीद 12वें महीने की 10 तारीख को रमजान माह के खत्म होने के लगभग 70 दिनों के बाद मनाई गयी। स्लाम मजहब की मान्यता के अनुसार, कहा जाता है अल्लाह ने हजरत इब्राहिम से सपने में उनकी सबसे प्रिय चीज की कुर्बानी मांगी थी। हजरत इब्राहिम अपने बेटे से बहुत प्यार करते थे, लिहाजा उन्होंने अपने बेटे की कुर्बानी देने का फैसला किया। अल्लाह के हुक्म की फरमानी करते हुए हजरत इब्राहिम ने जैसे ही अपने बेटे की कुर्बानी देनी चाही तो अल्लाह ने एक बकरे की कुर्बानी दिलवा दी। कहते हैं तभी से बकरीद का त्योहार मनाया जाने लगा। इसलिए ईद-उल-अजहा यानी बकरीद हजरतहइब्राहिम की कुर्बानी की याद में ही मनाया जाता है। बकरीद लोगों को सच्चाई की राह में अपना सबकुछ कुर्बान कर देने का संदेश देती है।

ज़िला राजद के मीडिया प्रभारी राकेश कुमार ठाकुर ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया।

समस्तीपुर (जेड अहमद)

  जिला राजद प्रवक्ता राकेश कुमार ठाकुर ने बूढ़ी गंडक  नदी के विभिन्न दबाव वाले क्षेत्रों का निरीक्षण किया। बूढ़ी गंडक नदी के चकनूर से लेकर मुरियारो  तक तटबंध में मोरदीवा स्लुइस गेट समेत कई जगहों पर दबाव की स्थिति बनी हुई है। मोरदीवा स्लुइस गेट तथा मुरियारो दुर्गा स्थान के समीप हो रहे रिसाव को शुक्रवार को देर रात तक काम कर काबू कर लिया गया। इन जगहों पर आवश्यकता के अनुरूप मिट्टी भरे बोरा और जाल बनाकर कटाव रोका जा रहा है। हालांकि इसको लेकर ग्रामीणों में आक्रोश और भय का माहौल है। राजद जिला प्रवक्ता राकेश कुमार ठाकुर ने कहा बरसात के पूर्व सही तरीके से कटाव निरोधक कार्य नहीं होने के कारण आज बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है l उन्होंने कहा कि इलाके के गांवो के लोग रात भर जग कर तटबंध की निगरानी करने के साथ-साथ दिन में भी निगरानी तथा प्रशासन को सहयोग कर रहे हैं। बाढ़ के डर से सैकड़ों लोगों ने अपना घर छोड़कर ऊंचे जगहों पर शरण ले लिया है। राजद प्रवक्ता ने कहा कि अगर बूढ़ी गंडक नदी का  बांध टूटती है, तो जान-माल का नुकसान होता है, तो विभाग व सरकार इसका जिम्मेदार होंगे। नदी के बढ़ते जलधारा तथा तटबंध की स्थिति को देखने के साथ तटबंध के अंदर बसे कुछ परिवार के लोगों की स्थिति को भी राजद प्रवक्ता ने देखा। उन्होंने कहा कि लगातार नदी के बढते जलस्तर ने तटबंध किनारे के लोगों की चिंता बढा दी है। नदी के अंदर ढाब वाले भूमि में लगे अधिकांश फसलें भी डूब चुका है। राजद प्रवक्ता ने बताया कि चकनूर से मुरियारो तक बूढ़ी गंडक नदी के तटबंध की स्थिति अच्छी नहीं है।  बरसात का मौसम होने के कारण जहां छोटा सा भी रेनकट हो, उसकी पुख्ता मरम्मत तत्काल ही होनी चाहिए । उन्होने कहा कि तटबंध के अंदर बसे लोग जिनके घर में पानी घुसने से वे विस्थापित हो गए हैं वैसे परिवार की सूची तैयार कराई जाए ।मौके पर सरपंच संघ के प्रखंड अध्यक्ष विष्णु राय, सरपंच संघ के जिला उपाध्यक्ष महेश राय, ट्रेड यूनियन नेता एस.के.निराला, मुखिया राजीव कुमार राय, समाजसेवी ईo राजेश कुमार राय, विधा भूषण यादव , प्रमोद कुमार पप्पू , मनोज कुमार राय, रविन्द्र कुमार रवि, मनोज पटेल , ज्योतिष महतो , जयलाल राय, रंजीत कुमार रम्भू , राजीव कुमार , राकेश कुशवाहा , अरुण कुशवाहा , परमानंद राय,  मोo वशीर अहमद , मोo जिया खान , मोo आसिफ इकबाल आदि मौजूद थे l