विकास दुबे एनकाउंटर के खिलाफ न्यायिक जांच की गयी मांग और सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गयी याचिका

फ़ाइल फोटो विकास दुबे
लहर डेस्क : विकास दुबे (Vikas Dubey) एनकाउंटर मामले में जहाँ एक और विपक्ष अखिलेश यादव और प्रियंका गाँधी द्वारा देश के कई नागरिकों द्वारा सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की अध्यक्षता में न्यायिक जांच की मांग की गयी वहीँ अब नया मोड़ आगया है जब सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दाखिल की गई हैं. याचिकाओं में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की गई है. एक याचिका वकील अनूप प्रकाश अवस्थी ने दाखिल की है. उनकी याचिका में दो जुलाई को हुई मुठभेड़ में 8 पुलिसवालों की हत्या और इसके बाद विकास दुबे व उसके साथियों कीमध्यप्रदेश से कानपूर गिरफ़्तारी के बाद ले जाने के क्रम में हुयी मुठभेड़ की कोर्ट की निगरानी में CBI/ NIA या SIT से जांच कराने की मांग की गई है.
एक अन्य याचिका पमानव अधिकारी पर कार्यरत संस्था पीपुल्स यूनियन ऑफ सिविल लिबर्टीज ( PUCL) ने दाखिल की है, जिसमें कहा गया है कि इस तरह की मुठभेड़ एक गंभीर अपराध है और यह पूरे समाज के खिलाफ अपराध है. याचिका में सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली समिति के गठन की मांग की गई है. जो यूपी में होने वाले मुठभेड़ों और आपराधिक राजनीतिक सांठगांठ के बारे में जांच करे. इस याचिका में सिलसिलेवार तरीके से उत्तर प्रदेश में बढ़ रहे पुलिस मुठभेर की भी जांच करने की मांग की गयी है.
दिल्ली के वकील अनूप प्रकाश अवस्थी द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि विकास दुबे और उनके सहयोगियों की हत्या के परिणामस्वरूप पुलिस की कार्रवाई पुलिस-अपराधी और नेताओं के गठजोड़ के महत्वपूर्ण गवाह को खत्म करने के लिए की गई. याचिका में कहा गया है कि यूपी फर्जी मुठभेड़ों के लिए प्रख्यात है. ऐसा लगता है कि दुबे 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद गायब हो गया.
क्या हर मामले का निपटान पुलिश द्वारा ही किया जाना उचित है , अगर ऐसा ही रहा तो फिर न्यालय की भूमिका पर संदेह बढेगा , लोगों का यकींन न्यालय और पुलिस पर से उठेगा जो लोकतान्त्रिक व्यवस्था के लिए बेहतर नहीं माना जाता.
विकास दुबे के घर को ध्वस्त कर सभी साक्ष्य नष्ट कर दिए गए थे. दुबे द्वारा 8 पुलिसकर्मियों की हत्या में इस्तेमाल किए गए अत्याधुनिक हथियारों की जांच की जानी चाहिए कि उन्हें ये हथियार कैसे मिले इत्यादि की मांग की गयी है.
अब देखना यह है की न्यालय इस याचिका पर सुवाई के लिए क्या फैलसा लेती है क्योंकि अभी ऐसा माना जा रहा है सरकार का दवाब न्यालय व्यवस्था पर अधिक है , इस पूरे प्रिक्रिया को उत्तर प्रदेश में बढ़ रहे अपराध प्रसाशन की भूमिका उसके संचालन पर सवाल उठाएगी.