मानव अधिकार, लोकतंत्र, कोरोना काल में छात्रों की मांग ,राजनीती सब कुछ एक साथ- पढ़िए समस्तीपुर की सभी खबरें

डा० कफील की रिहाई को लेकर रविवार को न्याय मार्च- सुरेन्द्र सिंह लोकतंत्र बचाने की लड़ाई में छात्र- युवा आगे आएं- आइसा-इनौस

समस्तीपुर (जेड अहमद)

देश के चर्चित चिकित्सक यूपी निवासी डा० कफील खान को यूपी के मुख्यमंत्री योगीजी द्वारा जेल में बंद किये जाने के खिलाफ 12 जुलाई को 2 बजे से शहर के शास्त्री गली से आइसा- इनौस के झंडे- बैनर तले निकाले जाने वाले न्याय मार्च में बड़ी भागीदारी दिलाने को लेकर शनिवार को खराब मौसम के बाबजूद आइसा- इनौस के कार्यकर्ताओं ने शहर से गाँव तक सघन जनसंपर्क अभियान चलाया।
इनौस जिला सचिव आशिफ होदा,अध्यक्ष राम कुमार,आइसा जिला सचिव सुनील कुमार, अध्यक्ष लोकेश राज,मनीषा कुमारी, प्रिति कुमारी, नौशाद तौहिदी, मो० एजाज, आइसा- इनौस जिला प्रभारी सह भाकपा माले नेता सुरेन्द्र प्रसाद सिंह आदि ने जनसंपर्क अभियान में हिस्सा लिया।कार्यकर्ताओं ने छात्र, युवा एवं बुद्धिजीवियों से बड़ी संख्या में हिस्सा लेकर कार्यक्रम को सफल बनाएं जाने की अपील की।
माले नेता सुरेन्द्र ने कहा कि समुचित ईलाज की सरकारी सुविधा का आभाव रहने के व्यान देने के बाद यूपी के योगी सरकार उन्हें टारगेट करने लगी और रणनीति बनाकर उन्हें जेल में डाल दिया गया।जेल में उन्हें टार्चर किया जा रहा है। डा० कफील के जेल से जारी विडियो हम सबको सोचने को मजबूर कर रहा है। माले नेता ने अविलंब बिना शर्त डा० कफील पर से मुकदमा वास लेकर रिहा करने की मांग की अन्यथा आंदोलन तेज करने की घोषणा करते हुए इस मुद्दे पर गाँव से दूर शहर तक आंदोलन चलाए जाने की घोषणा की।

कोराना संकट के इस दौरान परीक्षा लेना छात्र हित में नहीं- साजिद

समस्तीपुर (अब्दुल कादिर) समस्तीपुर- साजिद कलीम ने कहा कोरोना संकट के दौरान छात्रों के सामने बहुत बड़ी समस्या है। यूजीसी ने कुछ दिन पहले गाइडलाइन जारी किया है कि सितंबर में फाइनल ईयर का एक्जाम होंगे, मै इससे सहमत नहीं हूं
जब स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को बंद करना पड़ा और सबसे बड़ा प्रश्न उठ रहा है परिक्षाओं को लेकर, और हमलोगों की यही मांग भी है ,छात्रों के पास परफॉर्मेंस को देखते हुए क्रमागत उन्नति हो और अगली क्लास में प्रोमोट किया जाए बिना परीक्षा लिए यानी की परीक्षा रद हो।
क्योंकि फिजिकल एग्जाम होता है यानी आपको एग्जामिनेशन सेंटर में जाकर परीक्षा देनी होगी तो वहां पर सोचिए कोरोना संक्रमण के चांसेज कितने ज्यादा बढ़ सकते है यानी ऑनलाइन एग्जाम होती है तो कितने ऐसे परिवार है जिनके पास एक बेहतरीन वाईफाई कनेक्शन है क्या ऐसी परीक्षा सच में छात्रों के हित में हो सकती है।
आपलोग बेहतर जानते होंगे ।
यूजीसी ने गाइडलाइन जारी किया है कि सितंबर में परीक्षा लिया जाएगा तो उसका क्या फायदा होगा, पहले सितंबर में परीक्षा और कुछ महीने तक बैठ कर रिजल्ट का इंतेजार करो यानी ना तो ऐसे छात्र आगे की पढ़ाई के लिए योग्य हों पाएंगे
दूसरी बड़ी बात हमलोग बखूबी जानते है कि कोराना काल में लोगों की नौकरियां चली गई, काम धंधा बंद हो गया और कारोबारी ठप हो गई ऐसी परिस्थितियों में छात्रों के माता पिता के द्वारा कॉलेज, यूनिवर्सिटी के फीस भरने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है और उन माता पिता के बारे में सोचिए जिनके बच्चे प्राइवेट स्कूल में पढ़ते हो वो कैसे फीस भरेंगे ।
सरकार को छात्रों के हित में जल्द से जल्द फैसला लेनी चाहिए।

इतिहास विभाग द्वारा राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन

ताजपुर /समस्तीपुर (अब्दुल कादिर) 11 जुलाई । डॉ.लोहिया कर्पूरी विश्वेश्वर दास महाविद्यालय ताजपुर में प्रधानाचार्य डॉ.फर्जाना बानो अजीमी की अध्यक्षता में प्रो. रामशरण शर्मा के जन्मशताब्दी वर्ष की स्मृति में इतिहास विभाग द्वारा राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया जिसका विषय भारतीय इतिहास लेखन में प्रो.रामशरण शर्मा का योगदान है।इस वेबिनार के मुख्यवक्ता प्रो.(डॉ.) सुरेन्द्र कुमार, विभागाध्यक्ष इतिहास ,पटना विश्वविद्यालय पटना एवं विषय पर डॉ.अकल राम, प्राध्यापक पटना विश्वविद्यालय पटना ने प्रकाश डाला । प्रधानाचार्य ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया और बताया कि आज का वेबिनार का महत्व ही अलग है जिसमें बिहार के विद्वान के बारे में जानकारी प्राप्त होगी।विषय प्रवेश कराते हुए डॉ.अकल राम ने बताया कि प्रो.रामशरण शर्मा हमारे बिहार के ही विद्वान हैं जिनका गृह बेगुसराय जिला के बरौनी में है।प्रो शर्मा एक गरीब परिवार से थे और ज्ञानार्जन कर एक महान विद्वान बने। मुख्यवक्ता प्रो.(डॉ.) सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि डॉ.शर्मा आजादी के बाद बिहार के एकमात्र विद्वान थे जिन्होंने शूद्रऔर ब्राह्मण पर विस्तार से बताया । अभी उनका जन्मशताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है जिसका प्रथम श्रेय डॉ. एल.के.भी.डी.कॉलेज ताजपुर को है ।डॉ.शर्मा एक गरीब परिवार से थे और शिक्षा हासिल कर विद्वान बने ।उनका व्यक्तित्व ऐसा था कि वे किसी भी टॉपिक को एक किताब का रूप देते थे जिसे लोग आज अध्ययन करते हैं वे विश्वविद्यालय पटना में विभागाध्यक्ष रहे हैं उन्होंने अनेकों किताब लिखा और लोगों को वास्तविकता से अवगत कराया।इस वेबिनार के समन्वयक डॉ.उदय कुमार एवं संयोजक डॉ. विनीता कुमारी हैं ।इस वेबिनार के लिए अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर 678 प्रतिभागियों ने अपना पंजीयन कराया है।इस वेबिनार में गौतम बुद्ध महिला महाविद्यालय गया के प्रधानाचार्य डॉ.जावेद अशरफ, जे.एन.कॉलेज नेहरा के प्रधानाचार्य डॉ.अमरनाथ प्रसाद, एल.एस.कॉलेज मुजफ्फरपुर के पूर्व प्रधानाचार्य डॉ.अजीमुर्र रहमान, एम.डी.डी.एम.कॉलेज मुजफ्फरपुर से डॉ.शकिला अजीम, विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्राध्यापक, शोधकर्ता,विभिन्न महाविद्यालयों के प्राधानाचार्य ,प्राध्यापक और छात्र छात्राओं ने भाग लिया ।सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापन सह समन्वयक आशीष कुमार ठाकुर ने किया ।

दिल्ली सरकार ने अपने सभी विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं को रद्द करने के निर्णय पर बोले सादिक़, बिहार सरकार भी रद्द करे परीक्षा।

• छात्र मानसिक तनाव से गुज़र रहे हैं, सरकारें लापरवाह बनी हुई हैं : सादिक़

ताजपुर /समस्तीपुर (अब्दुल कादिर) अंतिम वर्ष के छात्रों के परीक्षा रद्द करने को लेकर यूजीसी और छात्र संगठनों में चल रही खिंचा तानी के बिच एक और दिलचस्प मोर आ गया है। दिल्ली सरकार ने अपने अंतर्गत आने वाले सभी विश्वविद्यालयों में परीक्षा रद्द करने तथा पिछले सेमेस्टर के आधार पर छात्रों का रिज़ल्ट घोषित करने का निर्णय लिया है। दिल्ली सरकार के इस निर्णय के बाद छात्रों में काफ़ी उत्साह है, छात्र अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया का शुक्रिया अदा कर रहे हैं तथा अन्य राज्य सरकारों तथा केंद्र सरकार से भी परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं.
दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र तथा ‘आप’ की छात्र विंग ‘सीवाईएसएस’ के बिहार राज्य संगठन प्रभारी सदिक़ रज़ा ने इस निर्णय का स्वागत किया है। सादिक़ ने प्रेस ब्यान जारी कर कहा है कि अरविंद केजरीवाल सरकार के इस निर्णय ने छात्रों को बड़ी राहत दी है। दिल्ली विश्वविद्यालय के वीसी अॉनलाइन परीक्षा पर अड़े हैं जो कि शर्मानाक है। छात्र मानसिक तनाव से गुज़र रहे हैं, मगर सरकारें लापरवाह बनी हुई हैं। अगर परीक्षा का माध्यम आॅनलाइन होगा तो बिहार और यूपी जैसे राज्य से आने वाले छात्र परीक्षा से वंचित रह जाएंगे क्यूंकि यहां इंटरनेट की सही सुविधा नहीं है। केंद्र सरकार अपने सभी विश्वविद्यालयों को भी परीक्षा रद्द करने का निर्देश दे।
बिहार के विश्वविद्यालयों के छात्रों की समस्याओं को लेकर सादिक़ ने बिहार सरकार से भी परीक्षा रद्द करने की मांग की है।

पूसा इनौस प्रखण्ड कमिटी की बैठक सम्पन्न, लिए गए कई निर्णय।

पूसा /समस्तीपुर (अब्दुल कादिर) 11 जुलाई।
प्रखण्ड के दक्षिण हरपुर के गढिया चौक निवासी कामरेड लक्षमण महतो के निवास स्थान पर इंकलाबी नौजवान सभा प्रखंड कमिटी की बैठक इनौस प्रखंड सचिव कामरेड दिनेश कुमार सिंह के अध्यक्षता व इनौस जिला अध्यक्ष सह राज्य उपाध्यक्ष राम कुमार के पर्यवेक्षण में संपन्न हुआ। बैठक में पिछले कार्यो की समीक्षा,जिला कमिटी की बैठक से लिए गए फैसले को लागू करने, पंचायत स्तर पर इनौस की सदस्यता चलाकर पंचायत सम्मेलन करने, पंचायत स्तर पर संगठन को मजबूत बनाने, बिजली की आँख मिचौनी का खेल के खिलाफ आंदोलन करने , प्रवासी मजदूर सहित लॉक डाउन के बेरोज़गार हुए छात्र – नौजवानों को गुजारा भत्ता 10 हजार रुपये व प्रत्येक व्यक्ति 10 किग्रा राशन छ:माह तक देने, समेत कई अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई तथा उपरोक्त मुद्दे पर आम जनता को गोलबंद करते हुए चरणबद्ध आंदोलन करने का फैसला लिया गया। बैठक में इनौस प्रखंड सह सचिव कृष्ण कुमार, सुरेश शर्मा,राम नाथ सिंह रतनेश कुमार, मनोज कुमार राय, सुरेश कुमार राय, सुनील कुमार सिंह, रंजीत कुमार झा, रामाधार महतो, राजीव कुमार, मनोज कुमार, संतोष कुमार, सुख देव सहनी, भूपन तिवारी रामबली साह, राजो देवी, लक्ष्मी साह, समेत कई अन्य नेता कार्यकर्ता ने अपना – अपना विचार व्यक्त किया।