बढ़ती बेरोजगारी, मिहलाओं के खिलाफ हिंसा और छात्रों का कमाल

बढ़ती बेरोजगारी खतरे की घंटी, सरकार को तुरंत ध्यान देना चाहिए- शाहिद

समस्तीपुर (अब्दुल कादिर) एनएसयूआई सोशल मीडिया के राष्टीय सह संयोजक शाहिद शेख ने कहा कोराना वायरस से पूरी दुनिया जूझ रही है और दूसरी ओर ऐसे संस्थान लगातार लोगों की छंटनी कर रहे हैं और हर कोई इसी डर के साये में जी रहा है कि न जाने कब उसकी नौकरी चली जाए,
इसके अलावा स्वरोजगार में लगे लोग, छोटे-मोटे काम धंधे करके परिवार चलाने वाले लोग सभी घर में बैठे हैं और उनकी आमदनी का कोई स्रोत नहीं है। जिस युवा शक्ति के दम पर हम विश्व भर में इतराते फिरते हैं। देश की वही युवा शक्ति एक अदद नौकरी के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है। लेकिन कड़वी सच्चाई यह है कि प्रतिदिन बढ़ती बेरोजगारी के कारण सबसे अधिक आत्महत्याओं का कलंक भी हमारे देश के माथे पर लगा हुआ है। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के ताजा आंकड़ों के मुताबिक प्रतिदिन लगभग 28 युवा आत्मा हत्या कर लेते है।
देश में बेरोजगारी का ग्राफ बढ़ा है। जिन युवाओं के दम पर हम भविष्य की मजबूत इमारत की आस लगाए बैठे हैं उसकी नींव की हालत निराशाजनक है और हमारी नीतियों के खोखलेपन को राष्ट्रीय पटल पर प्रदर्शित कर रही है

सरकारी क्षेत्र में रोजगार हासिल करने के लिए बेरोजगार युवाओं को आज कितनी मशक्कत करनी पड़ रही है, यह बात किसी से छिपी नहीं है। लाखों बेरोजगार युवाओं को आवेदन करने के एवज में आवश्यकता से अधिक आवेदन राशि देनी पड़ रही है। आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं के लिए इस बेरोजगार युग में रुपए जुटाना कोई आसान काम नहीं है। सरकार द्वारा की जाने वाली भर्तियों में पदों की संख्या बेरोजगारों की भीड़ को देखते हुए ऊंट के मुंह में जीरे के समान होती है। इसके बावजूद लाखों युवाओं द्वारा दिया गया आवेदन शुल्क सरकार के खजाने में जमा हो जाता है।
देश में बेरोजगारी के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। पढ़े-लिखे लोगों मे बेरोजगारी के हालात ये हैं कि चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी के पद के लिए प्रबंधन की पढ़ाई करने वाले और इंजीनियरिंग के डिग्रीधारी भी आवेदन करते हैं। रोजगार के मोर्चे पर हालात विस्फोटक होते जा रहे हैं। सरकार को चाहिए कि इस मसले पर वह गंभीरता से विचार करे। घोषित तौर पर सरकारी योजनाएं बहुत हैं, मगर क्या उन पर ईमानदारी से अमल हो पाता है? इसकी जांच करने वाला कोई नहीं। करोड़ों-अरबों रुपए खर्च करने से कुछ नहीं होगा, जब तक जमीनी स्तर पर कोई ठोस नतीजा नहीं सामने आता।
सरकार को देश के सेवा क्षेत्र में नए प्रयोग करने के साथ-साथ उसमें विस्तार करने की जरूरत है, ताकि नए पद सृजित किए जा सकें। नए सरकारी पद सृजित होंगे तो युवाओं को रोजगार मिलेगा।
बेरोजगार युवाओं के तेजी से बढ़ती तादाद देश के लिए खतरे की घंटी है। नरेंद्र मोदी की सरकार को तुरंत इस मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए।
सवाल यह भी है कि इन हालातों में आखिर देश के युवा कहां जाएं, क्या करें, जब उनके पास रोजगार के लिए मौके नहीं हैं, समुचित संसाधन नहीं हैं, योजनाएं सिर्फ कागजों में सीमित हैं। पहले ही नौकरियों में खाली पदों पर भर्ती पर लगभग रोक लगी हुई है, उस पर बढ़ती बेरोजगारी आग में घी का काम कर रही है। पढ़े-लिखे लोगों की डिग्रियां आज रद्दी हो गई हैं, क्योंकि उन्हें रोजगार नहीं मिलता। सरकार को इस मसले को गंभीरता से लेना चाहिए। नए रोजगारों का सृजन करना जरूरी है। युवा देश का भविष्य है तो वह भविष्य क्यों अधर में लटका रहें,
मोदी सरकार ने कौशल विकास को लेकर बड़े-बड़े दावे जरूर किये थे, लेकिन अब तक उसका कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आ सका है। यह हमारी रफ्तार से बढ़ती आबादी के लिहाज से ऊंट के मुंह में जीरा ही कहा जा सकता है। इसके मद्देनजर हमारी योजनाओं की प्राथमिकताओं में बेरोजगारी उन्मूलन को शामिल कर ठोस कदम उठाए जाएं ताकि भविष्य की इमारत को मजबूत नींव प्रदान की जा सके।

समस्तीपुर डीजल शेड को इलेक्ट्रिक शेड के रूप में बदला जाय —– राकेश ठाकुर

समस्तीपुर (अब्दुल कादिर) भाजपा सरकार की अदूरदर्शी नीति तथा समस्तीपुर जिले के स्थानीय सांसदों की संवेदनशून्यता के कारण आज समस्तीपुर रेल मंडल का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। समस्तीपुर डीजल शेड को बंद करने की साजिश रची जा रही है। रेलवे बोर्ड द्वारा समस्तीपुर डीजल शेड में मेंटेनेंस का कार्य बंद करने का आदेश दिया गया है। जिसके वजह से समस्तीपुर डीजल शेड बंद होने के कगार पर पहुंच गया है। राजद के जिला प्रवक्ता राकेश कुमार ठाकुर ने कहा है कि समस्तीपुर डीजल शेड को बंद करने की साजिश के खिलाफ राजद सड़को पर उतर कर विरोध दर्ज करेगा l समस्तीपुर के साथ नाइंसाफी को बर्दार्श्त नहीं किया जाएगा l रेलवे की तानाशाही रवैये के खिलाफ आंदोलनों की शंखनाद की जाएगी l उन्होंने कहा कि पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक एलसी त्रिवेदी ने 19 फरवरी 2020 को समस्तीपुर डीजल शेड का वार्षिक निरीक्षण के दौरान डीजल शेड में ही एक इलेक्ट्रिक शेड बनाने का निर्देश दिया था । पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक एलसी त्रिवेदी ने कहा था कि समस्तीपुर डीजल शेड को विद्युत इंजन शेड के रूप में विकसित किया जाएगा। राजद के जिला प्रवक्ता राकेश कुमार ठाकुर ने कहा कि जीएम को अपना वादा निभाना चाहिए l समस्तीपुर डीजल शेड को इलेक्ट्रिक शेड में विस्तार किया जाना चाहिए । उन्होंने कहा कि समस्तीपुर डीजल शेड के उद्घाटन के समय से ही रेलवे के हर स्तर पर धारणा रही है कि रेलवे विद्युतीकरण होने पर डीजल शेड को 100 इंजन वाला इलेक्ट्रीक शेड में परिवर्तित कर दिया जाएगा। राजद जिला प्रवक्ता ने कहा कि समस्तीपुर डीजल शेड को इलेक्ट्रिक शेड के रूप में बदला जाय ताकि समस्तीपुर में ही इलेक्ट्रिक इंजन की मरम्मत व रखरखाव कार्य हो सके। मौके पर राजद जिला प्रवक्ता राकेश कुमार ठाकुर के साथ राजद जिला उपाध्यक्ष मोo अरमान सदरी, समस्तीपुर राजद प्रखंड अध्यक्ष उमेश प्रसाद यादव , जिला महासचिव रामविनोद पासवान तथा राजद पर्यावरण प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष विधा भूषण यादव, सरपंच संघ के प्रखंड अध्यक्ष विष्णु राय, पूर्व मुखिया रामचन्द्र महतो , जिला राजद नेता रविन्द्र कुमार रवि , मनोज पटेल तथा ज्योतिष महतो भी मौजूद थे l

सत्तरघाट पुल के निर्माण में जो 264 रुपये खर्च हुए हैं उसकी रिकवरी होनी चाहिए — शाहीन

समस्तीपुर (अब्दुल कादिर) गोपालगंज में उद्घाटन के मात्र 29 वे दिन ही सत्तरघाट पुल ढ़हने पर आरजेडी के प्रदेश प्रवक्ता व विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है l उन्होंने कहा कि गोपालगंज में पुल का एक हिस्सा ढ़हने से नीतीश सरकार के सुशासन के दावों की पोल खुल गई l राजद के प्रांतीय प्रवक्ता ने पथ निर्माण मंत्री नन्द किशोर यादव से मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस पुल के पहुंच पथ के ध्वस्त होने से आवाजाही पूरी तरह बाधित हो गयी है और छपरा, सीवान, गोपालगंज जिलों से मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, दरभंगा की ओर आने-जाने वाले वाहनों का परिचालन ठप हो गया है। उन्होंने कहा कि जो जिम्मेदार मंत्री हैं उनको तुरंत बर्खास्त किया जाए l पुल का निर्माण करने वाली कंपनी को भी ब्लैकलिस्ट किया जाय l पुल के निर्माण में जो 264 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं उसकी रिकवरी होनी चाहिए l उन्होंने कहा है कि इस मामले की जांच कराने की मांग को लेकर वह आगामी 4 अगस्त को शुरू होने वाले विधानसभा में उठाएंगे l

गैंगरेप पीड़िता को ही जेल में डालने के खिलाफ आइसा कार्यकर्ताओं ने दिया धरना

पीएमसीएच, हथौरीकोठी, विभूतिपुर, विद्यापतिनगर रेप कांड के दोषियों को गिरफ्तार करो- आइसा, हथौड़ीकोठी रेपकांड,

समस्तीपुर (अब्दुल कादिर) 16 जुलाई ‘।
अररिया गैंगरेप पीड़िता को जेल भेजने, दरभंगा के ज्योति हत्याकांड, विभूतिपुर नाबालिग लड़की से गैंगरेप, पीएमसीएच रेपकांड, हथौड़ीकोठी रेपकांड, विद्यापति रेपकांड के तमाम आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर आइसा कार्यकर्ताओं ने लॉकडाउन का पालन करते हुए अपने-अपने घरों से हाथों में मांगों से संबंधित नारे लिखे तख्तियां लेकर राज्यव्यापी प्रतिरोध दिवस के तहत वृहस्पतिवार शहर के काशीपुर, जितवारपुर सहित अन्य जगहों पर लाकडाउन का पालन करते हुए धरना देकर विरोध जताया.
धरना को संबोधित करते हुए आइसा जिला सह- सचिव प्रीति कुमारी ने कहा कि छात्राओं और महिलाओं की सुरक्षा के प्रति नीतीश-मोदी सरकार कितना गंभीर है,यह महिलाओं और छात्राओं के साथ प्रत्येक दिन गैंगरेप- छेड़खानी की हो रही घटना से पता चल रहा है. सरकार का बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा सिर्फ छलावा बनकर कर रह गया है.
वहीं जिला उपाध्यक्ष मनीषा कुमारी ने कहा कि पीएमसीएच के क्वॉरेंटीन में रह रही छात्रा के साथ रेप की घटना बेहद शर्मसार करने वाला है. सीएम के नाक के नीचे इस तरह के घटना महिला सुरक्षा पर सवाल खड़ा करती है.
आइसा नेत्री द्रख्शा जवी ने जिले के विभूतिपुर, हथौरीकोठी, विद्यापतिनगर के नाबालिक लड़कियों के साथ हुए गैंगरेप की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए सभी पीड़िता एवं उसके परिजनों को सुरक्षा प्रदान करने और गैंगरेप के तमाम आरोपियों को अविलंब गिरफ्तार करने की मांग की है.
प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील कुमार ने कहा कि दरभंगा की ज्योति पासवान के साथ दुष्कर्म कर हत्या करने वाले पर कठोर कार्रवाई कर ज्योति को न्याय देने में प्रशासन आनाकानी कर रही है. वहीं अररिया के बलात्कार पीड़िता को ही अदालत की अवमानना का आरोप लगाकर जेल भेज दिया गया है. सिर्फ इस बात पर कि पीड़िता अपने बयान की रिकॉर्डिंग के समय सामाजिक कार्यकर्ताओं की मौजूदगी चाहती थी जबकि पांच में से चार आरोपी को अभी तक पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई है. आइसा अररिया बलात्कार पीड़िता को रिहा करने,ज्योति को न्याय देने समेत अन्य सभी गैंगरेप के आरोपियों को गिरफ्तार कर अभिलंब सजा देने की आइसा मांग करती है. धरना में उक्त वक्ताओं के साथ रंजना कुमारी, निशा कुमारी, मनीषा कुमारी मो.फरमान समेत दर्जनों छात्र-छात्राएं शामिल रहीं.।

बढ़ते रेप- गैंगरेप के खिलाफ भाकपा माले ने दिया धरना

बिथान /समस्तीपुर (अब्दुल कादिर) 16 जुलाई।
अररिया, दरभंगा, विभूतिपुर, पटना, हथौड़ीकोठी, विद्यापतिनगर आदि स्थानों में दलित-गरीब परिवार की बच्चियों के साथ लगातार हो रहे ब्लात्कार कांड के विरोध में बिथान के पुसहो गाँव में माले नेता राजेन्द्र प्रसाद सिंहा के आवास पर शारिरिक दूरी बनाते हुए भाकपा माले कार्यकर्ताओं ने धरना दिया. धरना को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित करते हुए माले प्रखंड सचिव सुशील कुमार ने कहा कि जदयू- भाजपा की सरकार द्वारा ब्लातकारी, अपराधी एवं दबंगों को संरक्षण देने के चलते बच्चियों एवं महिलाओं पर अन्याय बढ़ा है. सरकार के बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ का नारा खोखला साबित हो गया है. पीड़ित परिवारों को न्याय देने के बदले प्रशासन पीड़िता एवं गरीब जनता पर दमन तथा फर्जी मुकदमा कर रही है. धरना देते हुए पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग कार्यकर्ताओं ने एक स्वर में किया. राजेन्द्र प्रसाद सिंहा, महेंद्र मुखिया, इंद्रदेव भारती, रामसागर यादव, बसंत पासवान, पंकज कुमार पंडित आदि ने धरना को संबोधित किया. धरना की अध्यक्षता करते हुए महेंद्र मुखिया ने अपराधियों, दबंगों, ब्लातकारियों पर अविलंब कड़ी कार्रवाई की मांग की.।

अमृत आनंद ने किया अपने मां-बाप का नाम रौशन

समस्तीपुर (अब्दुल कादिर) समस्तीपुर सीबीएसई परीक्षा का रिजल्ट जैसे ही घोषणा हुई वैसे ही सभी छात्र छात्राओं के चेहरे पर खुशियां चमकने लगी। उसी भीड़ में एक नाम होली मिशन हाई स्कूल समस्तीपुर के छात्र अमृत आनंद का है जिसने 91.3% लाकर स्कूल का नाम ही ना सही बल्कि अपने क्षेत्र का भी नाम रोशन किया है। उनके पिता डॉ प्रमोद कुमार राय ने अपने जेष्ठ पुत्र और अपनी पत्नी के साथ पिक्चर में बधाई दी और साथ ही साथ उन्होंने उन बच्चों का भी मनोबल बढ़ाया जिनका प्राप्तांक कम रहा।
संजय नायक ने तमाम बच्चों के संदर्भ में कहा कि नम्बरोंसेआगे…..जहाँऔरभीहैं रिजल्ट्स आये हैं, मार्क्स भी अच्छे आये हैं, उन मार्क्स के कारण अच्छी जगह एडमिशन भी मिल जाएगा, लेकिन, उनको बता बताकर दूसरे बच्चों पर इतना प्रेशर न डाले कि वे इंफीरियर महसूस करने लगे। ये बच्चे अभी इतने बड़े नहीं हुए कि ये समझ सके कि लाखों रास्तें हैं केरियर के, जो कि इन नम्बरों से बहुत बहुत आगे की चीज है। अभी बच्चों के लिए नम्बर बड़ी चीज हैं, वो उससे आगे नहीं देख पाते हैं और पेरेंट्स का प्रेशर अलग। इसलिए अपने बच्चों के एग्जेक्ट मार्क्स शेयर न करे प्लीज। आपकी खुशी में हमारी खुशी हैं लेकिन हम किसी की तकलीफ का कारण क्यों बने । अमृत आनंद के अभिभावक स्वरूप संजय नायक ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि अगर किसी की फेसबुक पोस्ट पढ़कर कम मार्क्स आने वाले बच्चे के पेरेंट्स उसे ये सुनाए/ डांटे/ ताना मारे, देखो फलां के बच्चे तो इतना लाये, तुम क्या लाये!, वगैरह वगैरह… तो ऐसा कोई कारण देने से बचे। नम्बरोंसेआगे… जहाँऔरभीहैं
मेरे_बच्चे