बांग्लादेश ने भारत को पीछे छोड़ा

धर्मेंद्र आज़ाद
नया भारत बनाने की डींगें हाँकने वाली मोदी सरकार हर मोर्चे पर विफल होती हुई दिख रही है। यह तो उतना भी नहीं कर पा रही है जितना पड़ोसी देश कर रहे हैं। पड़ोसी देश बांग्लादेश व भारत दोनों ही देश पूँजीवादी-साम्राज्यवादी व्यवस्था की गिरफ़्त मैं हैं फिर भी भारत से क़रीब तीन गुना अधिक जनसंख्या घनत्व वाला बांग्लादेश की सरकार हमारी सरकार से बहुत बेहतर कर रही है।
बांग्लादेश में 1,252 लोग प्रति वर्ग किलोमीटर में रहते हैं जबकि भारत में 464 लोग प्रति वर्ग किलोमीटर में रहते हैं। वहाँ भी कोरोना है, वहाँ भी दुनिया की आर्थिक मंदी का प्रभाव है। बल्कि कामो बेष स्थितियां दोनों देशों की एक ही तरह की थी। ;गरीबी , अशिक्षा, बेरोजगारी आदि दोनों देश में लगभग एक समान ही थी। भारत की स्थिति तब भी बांग्लादेश से ठीक थी।

अभी कुछ दिन पहले प्रधान मंत्री मोदी बांग्लादेश के दौरे पर भी गए थे। कई सारे व्यापारिक समझौते भी हुवे थे जिसमे सबसे खास था भारत बांग्लादेश कनेक्टिविटी परियोजना। इस परियोजना का शुभारंभ प्रधान मंत्री मोदी, बांग्लादेश के प्रधान मंत्री शेख हसीना और पश्चिम बंगाल के मुख्य मंत्री ने संयुक्त रूप से किया।
आँकड़े बता रहे हैं कि 2007-08 में जिस बांग्लादेश की प्रति व्यक्ति आय भारत से लगभग आधी थी अब वह प्रति व्यक्ति आय में भारत से आगे निकल गया है। कल ही वहाँ के योजना मंत्री एमए मन्नान ने देश की कैबिनेट को बताया कि बांग्लादेश की प्रति व्यक्ति आय $2,064 डॉलर से बढ़कर $2,227 डॉलर हो गई है, जो भारत की वर्तमान प्रति व्यक्ति आय $1947 से $280 अधिक है।