पानी कि टंकी तो लगी एक साल पहले लेकिन पानी आज तक मयस्सर नहीं

रिपोर्ट by : एजाज अहमद ,बड़हरिया सीवान
बिहार विधान सभा चुनाव की तैयारी जोरों पर हैं , हर दल अपने अपने कामों के जरिये जनता के पास जाएगी वोट मांगने , कोई कोरोना और लॉक डाउन में श्रमिक स्पेशन ट्रेन चलाकर , तो कोई प्रधान मंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत अतिरिक्त राशन और वित्तीय सहायता का हवाला देकर , तो कोई डॉक्टरों को मासिक वेतन न देकर लेकिन उन्हें कोरोना योद्धा की उपाधि देकर उनके ऊपर और अस्पतालों के ऊपर सेना के द्वारा हेलिकॉप्टर से फूल की वर्षा कराकर , लेकिन इन सब के बीच आम जन जीवियन अस्त व्यस्त ही रहने की उम्मीद है.
आइए अब बात करते हैं बिहार की – सबसे प्रतिष्ठित मुख्यमंत्री जिन्हें सुशासन की सरकार चलाने का गर्व प्राप्त हैं , जब तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने जारहे थे तब राष्ट्रीय जनता दल के साथ सहयोगी के तौर पर साझा समझौते के तहत विजन 2025 योजना के तहत यानी की 2025 में बिहार कैसा दिखेगा की रूप रेखा तैयार की. इस कार्क्रम के तहत एक महत्वपूर्ण और लुभावने वादे किए गए जिसे 7 निश्चय का नाम दिया गया. इस 7 निश्चय के तहत एक वादा था हर घर नल का जल था . इस रिपोर्ट में हम इस योजना की हकीकत कुछ वार्ड जो सीवान जिला के पंचायत से समझेंगे , आम तौर पर पूरे बिहार में योजना की हकीक़त कुछ ऐसी ही है .
नल का जल योजना के अंतर्गत चार वर्षो में आपके पंचायत के सभी वार्डो में नल का जल पहुंचाने का सरकार द्वारा दिशा निर्देश विगत 4 वर्ष पूर्व दिया गया है।इसके पहले और चौथे साल में 20-20 प्रतिशत वार्ड और दूसरे और तीसरे साल में 30-30 प्रतिशत वार्ड में योजना निर्माण के लिए राशि दी गयी. पंचायती राज्य विभाग ने राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में 58300 वार्डो में नल का जल योजना का काम किया जा रहा है इनमें 40 हजार से अधिक वार्डो का काम पुरा कर लिया गया है .
काम तो पूरा कर लिया गया है लेकिन सिर्फ फाइलों तक सिमित रहा ,लगता है कि काम पुरा हो गया जनता को इसका फायदा मिल रहा है लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है
बिहार के सीवान जिले के बड़हरिया प्रखण्ड के दो पंचायत जिसको बहुत करीब से देखा और दोनों पंचायतों के ग्रामीण से बात करने पर नाम न छपने की शर्त पर बताया की जिस दिन से काम पूरा हुआ उसी दिन से एक बार भी पानी नहीं आया ।
पंचायत नवलपुर है जिसकी सरकारी लागत 17 लाख थी महबूब छपरा गांव में पानी टंकी और नल का पाईप दिखेगा लेकिन गांव वालो को लग भाग एक साल नल जल योजना के तहत पानी नसीब नहीं हुआ. पंचायत बड़हरिया प्रखंड के भाभोपाली एक सूत्र से मालूम चला कि नल का जल के लिए 14 लाख पास हुआ लेकिन जिस दीन से नल लगा है अभी तक पानी नहीं आया. यानी दोनों पंचायत की एक जैसी कहानी.

ग्रामीणोंने अपने स्तर से पंचायत के मुखिया और वार्ड मेंबर्स और पंचायती राज के पदाधिकारों तक भी इस बात की फरियाद की लेकिन इस लोकतान्त्रिक व्यवस्था में आपकी बात केवल चुनाव के पूर्व सुनी जाती है , चुनाव के बाद इन चयनित प्रतिनिधि के रहमों कर्म पर है आपके गाँव का विकास , आपके बच्चों का भविष्य अब सवाल यह भी उठता है की इसका हिसाब कौन लेगा , ग्रामीण तो थक गए हैं उनका हैण्ड पंप और दुसरे साधन से ही पानी पी रहे हैं तो जनता के टेक्स के पैसे से निर्माण इस पानी टंकी क्या गाँव की सोभा बढ़ने के लिए लगाया गया था या उन तक नल के जरिए पानी पहुँचाने के लिए.
नवल पुर पंचायत के वार्ड सदस्य वीरेंदर कुमार ने बताया की कि इस वार्ड के लिए 17 लाख और दूसरी तरफ 14 लाख आखिर के वजट पास हुए थे. क्या इस लोक्तान्त्रतिक व्यवस्था में जनता को यह जानने का हक है की आखिर सभी विकास की योजनायें भ्रष्टाचार का ही शिकार क्यों चढ़ जाती है और जानता अपने आप को असहाय महसूस करती है , क्या विर्चुअल रैल्ली में जिसके तहत सिर्फ बिहार में 70,000 हज़ार LED लगाकर सरकार का गुण गान गया गया , जनता को यह भी बता देते कितनी योजनाओं के तहत कितने घोटाले हुए , जिस जिला में आज तक एक आई सी यू , या जनता को पीने का साफ़ पानी नहीं मिला उस पंचायत , वार्ड में वर्चुअल रैली के लिए LED लगाये गए , यही है बिहार की त्रासदी.
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