पंजाब में गहराते जल संकट के समाधान की दिशा में कीर्ति किसान यूनियन की पहल

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रिपोर्ट –अस्मा खान

मानसून के उत्तरी भारत में प्रवेश के साथ जहां देशभर में राहत दिखाई दी है तो राज्यवार जनता जो विभिन्न क्षेत्रों में जीवन जीने के लिए अवसर तलाश रही है मौजूदा संकट से उबरने की दिशा में वर्तमान सरकार से कृषि को राहत पहुंचाने और व्यवस्था प्रदान करने के लिए अपनी मांगे विभिन्न गुट राजनीतिक ग़ैर राजनैतिक पार्टीयों के माध्यम से जनता के प्रयास तीव्र दिखाई दिए हैं।

हाल ही में देश के अन्य राज्यों में नहर परियोजना के माध्यम से देश की बड़ी नदियों के विलय से सृजन की ओर व्यापक स्तर पर प्रभाव डालने के प्रयास किए गए हैं।

पंजाब में गहराते जल संकट के समाधान की दिशा में कीर्ति किसान यूनियन ने बीते रोज़ गुरुवार के दिन चंडीगढ़-मोहाली में धरना प्रदर्शन किया। प्रशासन के साथ हुई बातचीत में मुख्यतौर पर धान की बुवाई और बारिश की व्यस्तता के बावजूद बड़ी संख्या में किसान नहर के पानी से सिंचाई की नीति को प्राथमिकता दें इसी विषय पर केंद्र स्थापित रहा। नहरी जल को वर्ष भर उपलब्ध कराने की व्यवस्था करने की आवश्यकता पर बल देते हुए भू-जल पुनर्भरण के लिए ठोस नीति बनाकर प्रायोगिक परियोजना प्रारंभ करने की मांग की। वर्षा जल को भूमिगत जल स्तर पर भेजने के लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए नीति बनाने के अलावा, नहरों मोगा (चैनलों) पर रिचार्ज पॉइंट की मांग भी किसान नेताओं द्वारा उठाई गई थी।

किसानों से संबंधित पंजाब में गहराते जल संकट के समाधान की मांग को लेकर कीर्ति किसान यूनियन का प्रयास सरकार से मांग मनवाने की दिशा में उन्मुख रहा। विशेषकर चंडीगढ़-मोहाली में धरना प्रदर्शन कर बेसुधी को तोड़ने के प्रयास किए गए। सरकार को कान‌पड़े स्वर सुनाई दे इसी के चलते बैरिकेडिंग तोड़ किसान जान की परवाह किए बिना आगे बढ़ने के लिए प्रशासन के साथ भिड़ते दिखाई दिए।

किसानों और पुलिस के बीच बातचीत के दौरान मुख्यता धान की बुवाई और बारिश की व्यस्तता के बावजूद बड़ी संख्या में किसान नहर के पानी से सिंचाई की नीति को प्राथमिकता की मांग को दोहराते रहे। नहरी जल को वर्ष भर उपलब्ध कराने की व्यवस्था करने की आवश्यकता पर बल देते हुए भू-जल पुनर्भरण के लिए ठोस नीति बनाकर प्रायोगिक परियोजना प्रारंभ करने की मांग भी शीर्ष पर रही। वर्षा जल को भूमिगत जल स्तर पर भेजने के लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए नीति बनाने के अलावा, नहरों मोगा (चैनलों) पर रिचार्ज पॉइंट की मांग भी किसान नेताओं ने पुरजोर उठाई।

किसानों को संबोधित करते हुए महिला विंग की संयोजक हरदीप कौर कोटला और युवा विंग के संयोजक भूपिंदर सिंह लोंगोवाल ने उद्योग द्वारा नदियों में प्रदूषित पानी डालने पर चिंता व्यक्त की।उद्योगों के कारण फसल को हो रहे नुकसान पर नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए विरोध में सख्त कार्रवाई की मांग को समक्ष रखा गया। मट्टवाड़ा परियोजना पर बोलते हुए किसान नेताओं ने कहा कि यह परियोजना पानी को और प्रदूषित करेगी, साथ ही प्रभाव में अन्य संकट गहराते दिखाई दे रहे हैं। परियोजना पर प्रतिबंध लगाने की मांग पर बातचीत करते हुए