दंगे के बाद दक्षिण पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर से ग्राउंड जीरो -खास रिपोर्ट

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देश नागरिकता कानून के समर्थन और विरोध में जल रहा है , नेताओं के भड़काऊ भाषण थमने का नाम नहीं ले रहे , दक्षिण दिल्ली में अब तक 30 से ज्यादा लोगों के मारे जाने और 150 से ज्यादा लोगों के गंभीर रूप से घायल होने की खबर है , लाखों लोग बेघर हुए हैं , महिलाओं के पास अपनी इज्ज़त छुपाने और सही जगह पर रात गुज़ारने का भी स्थान नहीं मिल रहा है .

दंगे में एक पुलिस कांस्टेबल रतन लाल की मृत्यु मौके पर हुए और कई पुलिस अधिकारी भी घायल अस्पताल में इलाज करा रहे हैं . दंगे में धर्म विशेष के लोगों को टारगेट कर उनके मकान और दूकान जलाने की बात सामने आरही है , वहीँ दंगे में अधिकतर मरने वाले लोगों की जान गोली मारने की वजह से हुई है , दिल्ली जैसे शहर में पेट्रोल बम और बदूक की गोली का इस्तेमाल जैसे वारदात हर एक धरना स्थल पर होना दिल्ली के पुख्ता सुरक्षा इंतज़ाम पर सवाल उठा रही है , वहीं स्थानीय  लोगों का मन्ना है की दंगे में स्थानीय उपद्रवी कम बाहरी ज्यादा हैं यानी की दंगा एक सुनियोजित तरीके से खास समुदाय तो टारगेट कर किया गया और बदूक की गोली से नागरिकता जैसे सवालों पर शांत करने की कोशिस की गयी जो किसी भी लोकतान्त्रिक राज्य के लिए सोचने योग्य विषय है.

26 तारिख को दिल्ली के हाई कोर्ट के वरिष्ट जज दंगे की सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिश को फटकार लगाया की समज को उकसाने वाले राजनितिक व्यान और राजनेताओं के खिलाफ अब तक दिल्ली पुलिस ने एफ आई आर क्यों नहीं किया ? और जल्द से जल्द कपिल मिश्रा , अभय वर्मा , प्रवेश वर्मा और अनुराग ठाकुर के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करने को कहा है और गिरफ़्तारी के आदेश भी दिए हैं .

इसी सम्बन्ध में दिल्लीके सीलमपुर से देखें दंगे के बाद की स्थिति पर खास रिपोर्ट , अधिक जानकारी और सुझाव जरूर लिखें .