किसान संगठन मनाएंगे 26 मई को काला दिवस

बिपिन कुमार

एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन देशभर में “26 मई को काला दिवस” मनाएगा। इस दिन किसान, खेत मजदूर तथा आंदोलन के समर्थक श्रमिक, छात्र, युवा, महिला संगठनों समेत नागरिक अपने घरों, वाहनों तथा ट्रैक्टरों पर काले झंडे लगाएंगे तथा अपने मोहल्लों तथा कॉलोनियों में प्रधानमंत्री मोदी के पुतले फूंकेंगे। इसकी आधिकारिक जानकारी संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्यवान और महासचिव शंकर घोष ने एक संयुक्त बयान में दी।

हरियाणा-दिल्ली बार्डरों पर बैठे हजारों-हजार किसानों को 26 मई, 2021 को 6 माह पूरे हो रहे हैं और मोदी सरकार के काले शासन के भी 7 साल पूरे हो रहे हैं। भाजपा की मोदी सरकार के बनाये कृषि कानून किसानों को बर्बाद करने वाले हैं। परंतु मोदी सरकार की मंशा किसानों को उजाड़ कर सिर्फ कॉरपोरेट घरानों के खजाने भरने की है।

किसानों के अलावा ये काले कानून शहरी गरीबों व ग्रामीण भूमिहीन गरीबों, खेत मजदूरों तथा दस्तकारों को भी बर्बाद कर देंगे। अंबानी – अडानी जैसे बड़े पूंजीपतियों को जमाखोरी की छूट देने से अनाज, दाल आदि सभी खाद्य पदार्थ कई गुणा मंहगे रेट पर मिलेंगे। प्राइवेट मंडियों के कारण सरकारी मंडिया बंद हो जाएंगी जिससे सरकारी खरीद समाप्त हो जायेगी। तब किसानों की तो खुली लूट होगी ही होगी, साथ ही, देश के गरीबों के लिए राशन प्रणाली भी खत्म हो जाएगी। यही नहीं, बिजली प्राइवेट कम्पनियों के हाथ में देने के कारण गरीब नागरिकों की पहुंच से वह बाहर हो जाएगी।

गत 7 सालों में मोदी सरकार हर क्षेत्र में नकारा रही है। न तो विदेशों से काला धन आया, न ही हर साल 2 करोड़ रोजगार दिए, किसानों का कर्ज माफ नहीं किया, सर्वत्र बेरोजगारी, महंगाई व भ्रष्टाचार का साम्राज्य कायम है। लाखों नौकरी देने वाले रेलवे, एयरपोर्ट, बैंक, बीमा, बीएसएनएल, बीपीएल, कोयला खानें आदि देश की आम जनता के धन से बने उद्योगों, कंपनियों तथा उद्यमों को कौड़ियों के मूल्य पर कॉरपोरेट घरानों के हाथों में बेच दिया।

किसानों की आमदनी डबल नहीं हुई जबकि खेती उपयोगी चीजों के दाम बढ़ाने से किसानों का लागत खर्च तीन-चार गुणा बढ़ा दिया है। लागत से डेढ गुणा रेट पर एमएसपी देने का झूठा वादा कर किसानों को छला गया है। बढ़ते कर्ज के कारण किसानों की आत्महत्याएं निरंतर बढ़ रही हैं। डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस के दाम बढ़ा कर अथाह लूट की जा रही है। लाकडाउन के कारण रोजगार बन्द होने से करोड़ों मजदूरों, कंपनी कर्मचारियों तथा दैनिक दिहाड़ीदारों का जीना दूभर हो चुका है।

मोदी सरकार की आपराधिक लापरवाही और संवेदनहीनता के कारण कोरोना महामारी से बड़ी संख्या में लोग मर रहे हैं। सरकार ने अस्पताल, बिस्तर, दवाई, ऑक्सीजन तथा वेंटिलेटर, डॉक्टर तथा मेडिकल स्टाफ का इन्तजाम नहीं किया। सार्वजनिक स्थानों को सैनेटाइजेशन तक नहीं की गई। अपनी झूठी इमेज बनाने के लिए वैक्सीन दूसरे देशों में भेज दिए। कुंभ मेले तथा चुनावों में लाखों की भीड़ जुटाकर मोदी सरकार ने खुद इस महामारी को फैलाया है। लेकिन अपने महा-अपराध का दोष उल्टे आंदोलनरत किसानों पर मंढ़ने की कुचेष्टा इस सरकार की रही है।

ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन देश के तमाम किसानों, मजदूरों, मेहनतकशों, छात्र-युवाओं, महिलाओं समेत सभी जागरूक नागरिकों से अपील करता है कि 26 मई को अपने घरों पर काले झंडे फहराएं और अपना विरोध दर्ज़ कराएं। यही किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों की सच्ची श्रद्धांजलि होगी।