किसान नेता टिकेत के समर्थन में उतरा देश भर का किसान

असमा खान की रिपोर्ट
डॉ दर्शन पाल, हन्नान मोल्ला, जगजीत सिंह दल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उगराहन, शिवकुमार कक्का जी, युद्धवीर सिंह, योगेंद्र यादव सभी ने कल राकेश टिकैत पर फेंकी स्याही और हमले का खड़ा विरोध किया।
किसान संगठनों ने कल बेंगलुरु में राकेश टिकैत पर हुए हमले के खिलाफ आज देशभर में विरोध प्रदर्शन किया।
एसकेएम की ओर से दोषियों को सजा देने की मांग राज्यवार जारी रही। इस लापरवाही के लिए दोषी अधिकारियों के निलंबन की मांग रखी गई।
राकेश टिकैत के लिए सुरक्षा और घटना की न्यायिक जांच की मांग भी दोहराई गई।
कल बेंगलुरू में राकेश टिकैत पर हुए हमले के विरोध में आज पूरे भारत के किसान संगठन एक साथ नज़र आए।
रैयत संघ द्वारा किसानों के खिलाफ दुष्प्रचार के खिलाफ आयोजित संवाददाता सम्मेलन में राकेश टिकैत पर हमले के दौरान स्याही फेंकी गई। हमलावर ‘जय मोदी’ और ‘मोदी, मोदी’ के नारे लगा रहे थे। मुख्य आरोपी भरत शेट्टी को कर्नाटक के पूर्व सीएम येदियुरप्पा सहित कई भाजपा नेताओं के साथ देखा गया।
उपलब्ध रिपोर्टों के अनुसार, दिल्ली, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा और अन्य राज्यों में विरोध प्रदर्शन आयोजित हुए। कर्नाटक में, किसान संगठनों ने बेंगलुरु, चिक्काबल्लापुरा, चामराजनगर, सागर सहित कई अन्य स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किए। संयुक्त किसान मोर्चा ने दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा, लापरवाही के लिए दोषी अधिकारियों को निलंबित करने, घटना और इसके पीछे की राजनीतिक साजिश की न्यायिक जांच, और राकेश टिकैत को सुरक्षा देने की अपनी मांग दोहराई। हाल ही में घटित घटना के बाद एकजुट हुए किसानों की कमर कसने पर केंद्र सरकार क्या फैसला लेगी।
क्या एकबार फिर किसान कूटनीतिक तरीके से राजनैतिक अराजनैतिक के बंधनों से मुक्त ऐ फिर वर्चस्व बरकरार रखने की मांग को पहले से अधिक दृढ़ता से दोहराएंगे। और किसानों की मांगें मान लेने पर क्या कृषि के क्षेत्र में एकबार फिर कि एक बदलाव कृषि व्यापार की कमज़ोर स्थिति को मजबूत कर पाएगा?