किसानों को दिल्ली घुसने नहीं दिया गया , देश भर के किसान कर रहे आन्दोलन

रफ़ी अहमद सिद्दीकी की रिपोर्ट
केंद्र सरकार के बनाए कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब-हरियाणा के हजारों किसान ‘दिल्ली चलो’ मार्च निकाल रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने किसानों को प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी है, ऐसे में टकराव की स्थिति पैदा हो गयी है। हालात को देखते हुए बॉर्डर पर भारी फोर्स तैनात है। पुलिस को साफ निर्देश हैं कि किसानों को दिल्ली में घुसने न दिया जाए। फिलहाल किसान आगे बढ़ रहें हैं। फरीदाबाद में धारा 144 लागू कर दी गई है। किसान राशन-पानी साथ लेकर आए हैं और उनकी योजना है कि जहां पुलिस उनको रोकेगी, वहीं धरने पर बैठ जाएंगे।

उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार ने बीते संसद सत्र में क़रीब 30 श्रम क़ानूनों को ख़त्म कर तीन लेबर कोड ज़बरदस्ती पारित कराए थे, जबकि उससे ठीक पहले खेती में कांट्रैक्ट फ़ार्मिंग, आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी करने की खुली छूट समेत ऐसे कृषि क़ानूनों को पास कराया था जिसका तीखा विरोध चारो ओर से हुआ है।
यहां तक कि इऩ क़ानूनों के पास करने के दौरान विपक्ष ने बॉयकाट किया और कहा जा सकता है कि मोदी सरकार ने इसे ज़बरदस्ती पास कराया क्योंकि सत्ता पक्ष के अलावा सदन में और कोई नहीं था। मोदी सरकार के इस मनमाने रवैये को विपक्षी दल तानाशाही बता रहे हैं और इन्हें तत्काल वापस लिए जाने की मांग कर रहे हैं लेकिन मोदी सरकार पर कोई असर होता नहीं दिख रहा।
विरोधियों का कहना है कि मोदी को पूंजीपतियों की खुली शह मिली है जिससे मोदी एंड कंपनी को कोई फर्क नहीं पड़ता कि जनता क्या चाहती है।

कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि मोदी सरकार जनता की आकांक्षाओं से इतनी दूर जा चुकी है कि उसका पीछे लौटना नामुमकिन जैसा है और इसी का नतीजा है कि वो देश की सभी सार्वजनिक संपत्तियों को अपने याराना पूंजीपतियों के हवाले करने पर ऊतारू है किसानों को लेकर केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए एक बार फिर से देशभर के किसान देश की राजधानी दिल्ली की सड़कों पर जमा हुए हैं. किसानों की कर्जमाफी और फसलों की लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य दिए जाने समेत कई मांगों को लेकर विभिन्न राज्यों के किसान दिल्ली के रामलीला मैदान पहुंच गए हैं. दो दिवसीय किसान मुक्ति मार्च का आज यानी शुक्रवार को दूसरा और आखिरी दिन है और किसान आज अपनी मांगों को लेकर संसद मार्च करेंगे. किसानों ने सरकार और प्रशासन को चेताया है कि अगर उन्हें संसद की ओर जाने से रोका गया तो फिर वे न्यूड प्रदर्शन करेंगे. किसान मुक्ति मोर्चा इस बार सिर्फ दो मांगों को लेकर यह आंदोलन कर रहे हैं. उनकी पहली मांग है कि उन्हें कर्ज से पूरी तरह मुक्ति दी जाए और दूसरी अपनी दूसरी मांग में फसलों की लागत का डेढ़ गुना मुआवजा चाहते हैं. ऐतिहासिक रामलीला मैदान पर लाल टोपी पहने और लाल झंडा लिए किसानों ने ‘अयोध्या नहीं, कर्ज माफी चाहिए’ जैसे नारे लगाते दिखे.
अब तक सौ किसानों के हिरासत में लिए जाने की खबर है. सारे इलाके में धारा 144 लागू करनी पड़ी है. हालात पर नज़र रखने के लिए कुछ वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद हैं. प्रदर्शनकारियों की गतिविधियों पर ड्रोन से भी नजर रखी जा रही है. तीन राज्यों के किसान केंद्र सरकार के नए श्रम क़ानून का विरोध कर रहे हैं. किसान आंदोलनकारियों ने आज दिल्ली में घुस कर चक्का जाम की योजना बनाई थी और आज सुबह से ही किसान प्रदर्शनकारी दिल्ली में प्रवेश करने की भरसक कोशिश कर रहे हैं. दिल्ली के शम्भू बॉर्डर से जम कर बवाल की खबरें आ रही हैं. एक तरफ जहां पुलिस को इन किसानों पर पानी की बौछ्हारें कर रही है आंसू गैस के गोले और पानी की बौछार तो वहीं दूसरी तरफ इन प्रदर्शनकारियों ने भी पुलिस के बैरिकेड्स नदी में फेंकने शुरू कर दिए हैं.