कश्मीरी कलाकार को किया गया गिरफ्तार

रिजवान रहमान
कश्मीरी कलाकार मुदस्सिर गुल को “We are Palestine (हम सब फिलिस्तीन)” ग्रेफिटी के लिए, पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है। यह तो एक लाइन की खबर हुई। लेकिन खबर के अंदर की असली बात है कि मुदस्सिर गुल की गिरफ्तारी के पीछे औपनिवेशिक नीति है। यह वर्तमान सरकार की 2014 के बाद से इजराइल के पीछे खड़े रहने वाली रणनीति का भी हिस्सा है।
इस गिरफ्तारी में और भी कई परतें हैं। दरअसल हम एक ऐसी दमनकारी-फासीवादी सरकार में रहने को विवश हैं कि वह अपनी तरह की विचारधारा वाले इजराइल की आलोचना भी नहीं सह सकती है। इसके लिए “फ्रीडम ऑफ़ एक्सप्रेसन” की कंटीले तारों से घेराबंदी कर दी गई है। आर्ट वर्क, वॉल पेंटिंग, पर्चा निकालना जुर्म है।
अगर कोई कश्मीरी इस पर कुछ लिखने, बोलने या आर्ट वर्क करने की कोशिश करेंगे तो उन पर पीएसए (PSA) के तहत मुकद्दमा चला दिया जाएगा। वे गिरफ्तार कर लिए जाएंगे। परंतु इसका अर्थ कतई नहीं की खतरा सिर्फ कश्मीरियों को है। खतरे में आप भी हो सकते हैं। दिल्ली में भी मोदी के खिलाफ पोस्टर लगाने पर 17 एफआईआर हुई है और 15 से ज़्यादा लोग गिरफ्तार किये जा चुके हैं।
मैं डरा नहीं रहा हूं बल्कि सच्चाई से आपका सामना करवाने की कोशिश कर रहा हूं। अगर आप हिंदुस्तान के किसी कोने में बैठ कर इजराइल के कॉलोनियल प्रोजेक्ट के खिलाफ लिख-बोल रहे हैं, तो बहुत मुमकिन है, आप गिरफ्तार कर लिए जाएं। यह भी संभव है कि आप पर यूएपीए या राष्ट्रीय सुरक्षा कानून(रासुका) के तहत मामला दर्ज हो। और हो भी क्यों नहीं। इजराइल को डिफेंड करना इन दिनों बीजेपी-आरएसएस की पहली प्राथमिकता में है। दोनों वैचारिक सहोदर जो हैं।
कश्मीर में इजराइल के विरोध के चलते 20 और लोगों को कोविड प्रोटोकॉल उल्लंघन के बहाने गिरफ्तार किया गया है। इस आंकड़े में कब कौन शामिल हो जाए, पता नहीं। . साम्राज्यवादी नीतियों के विरोध का पुराना नाम है, तलवार की धार पर चलना।