संस्कृति
बिहार विधान सभा में सरकारी गुंडागर्दी
प्रेमकुमार मणि 1971 के लोकसभा चुनाव के समय मैं वोटर नहीं था ,क्योंकि तब वोटर…
वोटों पर निर्भर सरकार जनता को आत्मनिर्भर बना रही है
रफ़ी अहमद सिद्दीकी ग़ुलामी की ज़ंजीरें टूटती जा रही हैं नौकरी के नाम पर नौकर बनाने वाले…
सरकार का निजीकरण क्यों नहीं
प्रोफेसर आनंद तेलतुम्बडे का यह पत्र रिज़वान रहमान ने अनुवाद किया है। देश की संपति…
बटला हाउस एनकाउंटर के खौफ और डर का हिसाब…
रिज़वान रहमान की स्पेशल रिपोर्ट (पार्ट 2) अब जबकि बाटला हाउस एनकाउंटर पर साकेत कोर्ट…
वर्ग विशेष की लडाई अब डीलिवरी बॉय तक पहुँच ही गयी
श्याम मीरा सिंह डिलीवरी बॉय कामराज को काम से निकाल दिया गया है. बंगलौर के…
भिनभिनाती हुई मक्खियाँ और मुसलमान
आमिर मलिक अजीब शीर्षक है. काफ़ी भ्रमित करने वाला भी। ये दर्शाता है कि मुसलमान…
पत्रकार संगठन ने दिया ज्ञापन
लहर डेस्क नई दिल्ली, 13 मार्च 2021। देश का सबसे बड़ा पत्रकार संगठन वर्किंग जर्नलिस्ट…