जातीय उत्पीड़न की शिकार हुई डॉक्टर पायल

मुंबई : महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में स्थित वीवाईएल नायर अस्पताल की एमडी की छात्रा पायल तड़वी ने सुसाइड इसलिए किया क्योंकि उनकी तीन सीनियर महिला डॉक्टरों ने रैगिंग ली, मानसिक प्रताड़ना दी और साथ में स्टूडेंट्स के व्हाट्सप्प ग्रूप में पायल तड़वी को लेकर जातिगत टिप्पणी की.

डॉ पायल को तथाकथित उनकी तीन सीनियर्स डॉ. हेमा आहूजा, डॉ. भक्ति और डॉ. अंकिता खण्डेलवाल ने व्हाट्सप्प ग्रूप में पायल पर जातिवाद टिप्पणी करते हुए कहा कि “तुम आदिवासी लोग जगंली होते हो, तुमको अक्कल नही होती.. तु आरक्षण के कारण यहाँ आई है… तेरी औकात है क्या हम ब्राम्हण से बराबरी करने की..! तु किसी भी मरीज को हाथ मत लगाया कर वो अपवित्र हो जाएँगे… तु आदिवासी नीच जाती की लड़की मरीज़ों को भी अपविञ कर देगी..!”

डॉ. पायल की आत्महत्या सिर्फ़ आत्महत्या नहीं है बल्कि मनुवादी सोच द्वारा किया गया संस्थानिक मर्डर हैं l इस तरह की घटनाओं का विरोध करना बेहद ज़रूरी है क्योंकि इससे पहले भी हम रोहित वेमुला, कृष्णन, सर्वानन जैसे बहुत से संस्थानिक मर्डर देख चुके है..!

लहर डेस्क