जनता हमारी है, हम उसके मालिक हैं !

उर्मिलेश

कोरोना से संक्रमित किसी व्यक्ति या परिवार की मदद करना ‘राष्ट्रद्रोह’ घोषित कर देना चाहिये! हमारा शासन, खासकर उत्तर के हिंदी-भाषी राज्यों में जब इतने अच्छे से लोगों को सेवा दिला रहा है, सांस में दिक्कत होने से पहले ही संक्रमित व्यक्ति के पास शासन फौरन ऑक्सीजन पहुंचा रहा है तो फिर ये सिख गुरुद्वारे, अन्य सिख संगठनों के कार्यकर्ता, @srinivasiyc या फिर @dilipkpandey जैसे लोग कौन होते हैं, लोगों की जान बचाने की कोशिश करने वाले?

हमारे पास विश्वस्तरीय सरकारी अस्पताल हैं, जहां हर किसी का मुफ़्त इलाज हो रहा है। सभी अस्पताल सभी तरह की सुविधाओं से सज्जित हैं। निजी क्षेत्र के पंचसितारा अस्पतालों में भी जनता का अच्छे से इलाज कराया जा रहा है! अगर वे बीमार लोगों के परिवार से ज्यादा रकम वसूलने की तनिक भी कोशिश करते हैं तो सरकारी एजेंसियां ऐसे सितारा अस्पतालों और उनके मालिकों के खिलाफ़ फ़ौरन कड़ी कारवाई करती हैं। कितनों पर कार्रवाई हो चुकी है। अभी आंकड़ा आयेगा तो प्यारे देशवासियों को इस बात की पूरी जानकारी मिल जायेगी कि कहां-कहां कार्रवाई की गयी! इसकी कुल संख्या भी पता चल जायेगी।

ज्यादातर बड़े सितारा अस्पताल तो सस्ते दर पर जमीन पाने की शर्तो का पालन करते हुए 20 से 25 फीसदी संक्रमित लोगों का मुफ़्त इलाज़ कर रहे हैं। कितने अच्छे हैं, वे और उनके मालिक! लोगों की सेवा और जन कल्याण में लगे हुए हैं। पूरी प्रजा दवा, इलाज़, वैक्सीन और आक्सीजन की शासकीय व्यवस्था से सौ फीसदी संतुष्ट है।

फिर ये कौन लोग हैं जो लोगों की सेवा के नाम पर राजनीति कर रहे हैं? राजनीति करने का अधिकार सिर्फ एक समूह को होना चाहिए. आखिर जनता ने ‘राज’ करने और राजनीति करने के लिए एक ही समूह को ही तो चुना है! फिर ये दूसरा, तीसरा या चौथा समूह कौन होता है? जनता हमारी है, हम उसके मालिक हैं, उसने हमे चुना है–हमारी प्यारी प्रजा!

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। साभार फेसबुक वाल)